नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि भारत में कारोबार करना अब पहले से कहीं अधिक आसान है, ऐसे में कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश की व्यापक संभावना दुनिया के लिये बड़ा अवसर है । ‘विश्व खाद्य भारत’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इस वर्ष कारोबार सुगमता की रैंकिंग में भारत ने 30 स्थान का सुधार दर्ज किया है जो किसी देश के लिये सबसे अधिक सुधार है। नये क्षेत्रों में निवेश के संबंध में 2016 की वैश्विक रैंकिंग में भारत पहले स्थान पर आ गया है। भारत तेजी के साथ वैश्विक नवोन्मेष रैंकिंग, वैश्विक लाजिस्टिक रैंकिंग और वैश्विक प्रतिस्पर्धा रैंकिंग में प्रगति दर्ज कर रहा है।’’ उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है और एक जुलाई से लागू माल एवं सेवा कर :जीएसटी: से अनेक कर जटिलताएं समाप्त हुई हैं।
प्रधानमंत्री ने वैश्विक कंपनियों से भारत में आने और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश करने को आंमत्रित किया। उन्होंने कहा कि कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में भारत में निवेश की व्यापक संभावना दुनिया के लिये बड़ा अवसर है । मोदी ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण भारत में जीवनशैली का हिस्सा बन चुका है। यह लम्बे समय से उपयोग में लाया जा रहा है। सामान्य से घर की तकनीक के आधार पर इसे पूरा किया जाता है जैसे कि किन्वन की विधि के परिणामस्वरूप अचाड़, पापड़, चटनी, मुरब्बा बनाया जाता है और यह दुनियाभर में संभ्रांत वर्ग के साथ सामान्य लोगों को काफी पसंद आता है । उन्होंने कहा, ‘‘मूल्यवर्द्धित श्रृंखला :वैल्यू चेन: के कई क्षेत्र में निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ रही है । हालांकि ठेका कृषि, कच्चे माल की प्राप्ति और कृषि से जुड़े क्षेत्रों में अधिक निवेश की जरूरत है। यह वैश्विक स्तर पर स्पष्ट रूप से अवसर प्रदान करता है।’’ मोदी ने कहा कि फसल कटाई के बाद प्रबंधन के संबंध में भी काफी अवसर हैं, ये क्षेत्र प्रसंस्करण और भंडारण से लेकर इन्हें संरक्षित करने के लिये आधारभूत ढांचा तैयार करने तथा शीत श्रृंखला एवं शीतलन के तहत परिवहन व्यवस्था तैयार करने से संबंधित हैं। खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी काफी संभावनाएं हैं। इसके साथ ही जैविक खेती और खाद्य उत्पादों के क्षेत्र में भी मूल्यवर्द्धन की संभावनाएं हैं।