गुरुग्राम। करीब पांच साल पहले 18 जुलाई 2012 को मारुति सुजुकी फैक्ट्री में हुई हिंसा के मामले में गुडग़ांव की एक अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए 31 लोगों को दोषी करार दिया। अपने फैसले में कोर्ट ने 117 लोगों को आरोप मुक्त कर बरी कर दिया। अब अदालत अरोपियों के खिलाफ 17 मार्च को सजा का फैसला सुनाएगी। गौरतलब है कि पांच साल पूर्व आइएमटी मानेसर स्थित मारुति सुजुकी इंडिया लि. के प्लांट में श्रमिकों ने उपद्रव मचा दिया था। इस दौरान प्रबंधन से जुड़े 98 लोगों को चौटें आई, वहीं महाप्रबंधक अवनीश देव की जिंदा जलने से मौत हो गई थी। घटना के दौरान प्लांट का अधिकांश हिस्सा आग की भेंट चढ़ गया तो प्लांट में जमकर तोडफ़ोड़ हुई। घटना के बाद प्लांट के 525 श्रमिकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा था। मामले में 148 लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया। इनमें 137 लोगों को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने 10 मार्च के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था। इधर फैसला सुनाए जाने के दौरान पुलिस को पूरी तरह हाई अलर्ट पर ही रखा गया। वहीं किसी भी स्थिति पर काबू पाने के लिए छह डयूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए। इसी तरह प्लांट की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह कड़ी कर दी गई। प्रशासन ने मानेसर स्थित प्लांट के आस-पास धारा 144 लागू कर दी गई। इधर प्लांट पर उक्त घटना घटित होने के बाद एक माह तक कामकाज पूरी तरह बंद रहा, जिससे मारुति को सीधे-सीधे तीन हजार करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा। इसी तरह मारुति के पार्टस बनाने वाली छोटी कंपनियां बंद हो गई।
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