-अवाप्त कृषि भूमि के गलत तरीके से विकसित भूमि के पट्टे देने के मामले ेमें इस्तगासा
जयपुर। जयपुर की मानसरोवर आवासीय योजना के लिए अवाप्त भूमि मामले में गलत तरीके से विकसित भूमि आवंटन कर देने और सरकार को करोड़ों रुपए की चपत लगाने के मामले में इस्तगासा दायर हुआ है। मानसरोवर जयपुर निवासी परिवादी अशोक पाठक ने यह इस्तगासा भ्रष्टाचार मामलात की विशेष अदालत क्रम एक में लगाया है।
इस्तगासे में यूडीएच के प्रमुख शासन सचिव व वर्तमान में एसीसएस डीबी गुप्ता, पूर्व प्रमुख शासन सचिव यूडीएच जीएस संधु, राजस्थान हाऊसिंग बोर्ड के चेयरमैन परसराम मोरदिया, विकसित भूमि प्राप्त करने वाले आवंटी अशोक शर्मा व नानगराम बलाई, मैसर्स आरआर सिटी डवलपर्स के रामबाबू अग्रवाल को आरोपी बनाया है। अशोक पाठक के अधिवक्ता अजय कुमार जैन ने इस्तगासे में बताया है कि नगरीय विकास विभाग और आवासन मण्डल ने मानसरोवर आवासीय योजना के लिए कई गांवों की ढाई हजार कृषि भूमि अवाप्त की थी। सभी खातेदारों को अवार्ड भी जारी कर दिया था। सुखालपुरा गांव की 35 बीघा भूमि का अवार्ड कोर्ट में जमा कराया।
क्योंकि इस जमीन के मालिकों व सरकार के बीच रेफरेंस केस चल रहा है। इस 35 बीघा भूमि के खातेदारों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाकर बताया था कि अवाप्ति से पूर्व वे यह जमीन न्यू पिंकसिटी हाउसिंग कोपरेटिव सोयायटी को बेच चुके हैं और इसका मुआवजा सोसायटी के पदाधिकारियों को दिया जाए। अभी तक यह मामला कोर्ट में लंबित है। वास्तविक खातेदार कौन है, इसका फैसला नहीं हो पाया है। वर्ष 2013 में आरोपियों ने मिलीभगत करके हाउसिंग बोर्ड में अशोक शर्मा, नानगराम बलाई से आवेदन करवाया कि 35 बीघा भूमि के बदले उन्हें 25 फीसदी विकसित भूमि दी जाए। उन्होंने खातेदारों के सहमति पत्र भी पेश किए।
मिलीभगत करके करीब सवा तेरह हजार वर्गमीटर भूमि दोनों आवंटियों को आवंटी कर दी गई। इस आवंटन को लेकर तत्कालीन राजस्थान हाउसिंग बोर्ड आयुक्त आर.वैंकटेश्वरन ने आपत्ति लगाते हुए मामले की जांच के आदेश दिए, लेकिन इसे अनसुना कर दिया। आवंटियों ने इस भूमि को बाद में मैसर्स आरआर सिटी डवलपर्स को बेचान कर दिया। इस्तगासे में आरोप लगाया है कि आरोपियों ने मिलीभगत करके कोर्ट में विचाराधीन इस मामले में गलत आवंटन कर दिया गया और राज्य सरकार को इससे दो सौ करोड़ रुपए की चपत लगी। हालांकि मीडिया के सामने डीबी गुप्ता इन आरोपों को खंडन कर रहे हैं।