जयपुर। दहेज के लिए विवाहिता की जलाकर हत्या करने के मामले में महिला उत्पीड़न मामलों की विशेष अदालत में जज सुनील कुमार गोयल ने मंगलवार को अभियुक्त सास सायरा बानो (4०) पत्नी इकबाल खां निवासी बरकत कॉलोनी-झोटवाड़ा तथा उसकी बेटी व मृतका की ननद हीना बानो (22) निवासी जोबनेर जयपुर को आजीवन कारावास व 15-15 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। इस मामले में विवाहिता शबाना ने मृत्यु कालीन बयानों में सास व ननद पर ही जलाकर हत्या करने का आरोप लगाया था। पति व ससुर पर कोई आरोप नहीं लगाया था।
शादी के 7 साल में ही मृत्यु होने पर पुलिस ने सास-ननद को धारा 498 ए के साथ धारा 3०4 बी (दहेज हत्या) का आरोपी माना था, लेकिन कोर्ट ने साक्ष्य के बाद माना कि केरोसीन में भीगी हुई शबाना को जलती हुई गैस की तरफ धक्का लगाने से उन्हें पता था आग लगने से उसकी मौत हो सकती है। कोर्ट ने मां-बेटी को धारा 3०4 बी में दोषमुक्त करते हुए धारा 998 ए में 2 वर्ष व 5-5 हजार रुपए एवं धारा 3०2 में आजीवन कारावास व 1०-1० हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। कोर्ट ने पे्रम से वंचित होने पर मृतका की मां बेगम बानो को पीड़ित प्रतिकार स्कीम में सहायता देने की अनुशंषा की है। सास 4 साल से जेल में बंद है।
गिरफ्तारी के बाद उसे जमानत नहीं मिली। 24 अगस्त, 2०14 को शबाना ने अस्पताल में पर्चा बयान दिया था कि 2०1० में जावेद के साथ शादी हुई थी। दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे। 23 जुलाई को सास ने केरोसिन छिडक कर आग लगा दी। वह 8० प्रतिशत जल गई थी। दौराने इलाज 29 अगस्त को उसकी मौत हो गई थी। अदालत में 17 गवाहों के बयान करवाए गए।