kaangres ne seebeeaee ke daayarektar aalok varma ko chhuttee par bhejane ke maamale mein supreem kort mein yaachika daakhil kar dee hai. raaphel deel maamale mein aalok varma ko chhuttee par bheje jaane kee atakalen hai

जयपुर. कांग्रेस विधायकों के सामूहिक इस्तीफे मामले को लेकर हाईकोर्ट ने जवाब-तलब किया है। राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी और सचिव को नोटिस जारी किए गए हैं। इसे गहलोत-पायलट खेमों में खींचतान और प्रदेश में जारी सियासी संकट के बीच बड़ा झटका माना जा रहा है। विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष व चूरू से विधायक राजेन्द्र राठौड़ की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की जयपुर बेंच ने ये व्यवस्था दी है। ध्यान रहे कि 91 कांग्रेस के विधायकों के इस्तीफे स्पीकर के पास पेंडिंग हैं और इसके खिलाफ भाजपा नेता राठौड़ ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और विनोद कुमार भारवानी की बेंच ने इस पर सुनवाई की। राठौड़ अपने केस की खुद पैरवी कर रहे हैं। उन्होंने कहा विधायकों के सामूहिक त्याग पत्र से वर्तमान सरकार सदन का विश्वास खो चुकी है। इसके बावजूद कैबिनेट मीटिंग कर नीतिगत निर्णय लिए जा रहे हैं। इस्तीफे स्वीकार नहीं करने से घोर संवैधानिक विफलता की स्थिति पैदा हो रही है। इसे रोकने के लिए कानूनी दखल जरूरी है। राज्य में 25 सितंबर से मौजूद संवैधानिक संकट पर स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए। राजेंद्र राठौड़ ने कहा डिवीजनल बेंच ने सुनवाई करने के बाद दो सप्ताह का नोटिस जारी किया है। अब ये मामला ज्यूडिशियल रिव्यू में आ गया है। मैं समझता हूं, अब उचित निर्णय होगा। क्योंकि हाईकोर्ट खंडपीठ ने मामला सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। नोटिस जारी कर दिए हैं। इस पर विधानसभा अध्यक्ष और सचिव पक्ष को अपना पक्ष रखना होगा। अब तक उन्होंने 70 दिन गुजर जाने के बाद भी इन इस्तीफों पर निर्णय नहीं किया। संविधान के आर्टिकल 190 (3)बी और 172 (2) के तहत उनके इस्तीफे स्वीकार क्यों नहीं किए? इन तमाम बातों का नोटिस के तहत उन्हें जवाब देना है।’ खबर में आगे बढ़ने से पहले नीचे दिए पोल में हिस्सा लेकर आप अपनी राय जाहिर कर सकते हैं।

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