जयपुर. गुजरात में बीजेपी को प्रचंड जीत मिली है. भारतीय जनता पार्टी अब तक 154 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है और 2 सीटों पर उसके उम्मीदवार बढ़त हासिल किए हुए हैं. जबकि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस  ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है. कांग्रेस के 40 सीटों पर जीत दर्ज की है. निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक गुजरात में अब तक हुई मतगणना में बीजेपी को 52.5 प्रतिशत से अधिक मत मिले हैं. बीजेपी 156 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है. कांग्रेस ने गुजरात में 17 सीटों पर जीत दर्ज की है. आम आदमी पार्टी को 5 सीटों पर जीत जीत मिली है. तीन सीटें निर्दलीय और एक सीट समाजवादी पार्टी को मिली है.
– गुजरात में बीजेपी की रिकॉर्ड जीत
बीजेपी ने 2002 में सर्वाधिक 127 सीटों पर जीत हासिल की थी. उस वक्त नरेन्द्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे. इसके बाद बीजेपी कभी उस आंकड़े तक नहीं पहुंच सकी थी, लेकिन इस बार बीजेपी ने अपने पिछले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को पार कर लिया है. पार्टी ने 1985 में माधवसिंह सोलंकी के नेतृत्व में कांग्रेस की ओर से जीती गई 149 सीटों के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल घाटलोडिया सीट से चुनाव जीत चुके हैं. गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी भी सूरत के माजूरा सीट से 1.16 लाख मतों से चुनाव जीत चुके हैं. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बीजेपी के इस प्रदर्शन का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को दिया और कहा कि राज्य की जनता ने चुनाव में राष्ट्र-विरोधी तत्वों को नकार दिया. गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष सी. आर पाटिल ने कहा कि भूपेंद्र पटेल मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे और वह 12 दिसंबर को शपथ ग्रहण करेंगे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि गुजरात के लोगों ने खोखले वादे, रेवड़ी व तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों को नकार कर विकास एवं जनकल्याण को समर्पित नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा को अभूतपूर्व जनादेश दिया है.
– हिमाचल प्रदेश में नहीं बदला रिवाज
वहीं दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश की जनता की ओर से हर पांच साल में सरकार बदलने की परंपरा को कायम रखने के कारण कांग्रेस को इस विधानसभा चुनाव में स्पष्ट बढ़त मिल गई है. निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, कांग्रेस ने 68 सदस्यीय विधानसभा में 40 सीटें पर जीत हासिल की है. बीजेपी ने 25 सीटें जीती हैं. तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. आम आदमी पार्टी के हिस्से में कोई सीट नहीं आई. उसने 67 सीटों पर चुनाव लड़ा था. हिमाचल प्रदेश में इस 76.44 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था. हिमाचल में कुल 412 उम्मीदवार थे.
– भाजपा के 8 मंत्री चुनाव हारे
हिमाचल में हर चुनाव में 45 से 75% मंत्रियों के चुनाव हारने का रिकॉर्ड है। इस बार भी जयराम ठाकुर कैबिनेट के 10 में से 8 मंत्री चुनाव हार गए। चुनाव हारने वाले मंत्रियों में सुरेश भारद्वाज, रामलाल मारकंडा, वीरेंद्र कंवर, गोविंद सिंह ठाकुर, राकेश पठानिया, डॉ. राजीव सैजल, सरवीण चौधरी, राजेंद्र गर्ग शामिल हैं। जयराम ठाकुर के अलावा बिक्रम ठाकुर और सुखराम चौधरी ही चुनाव जीत पाए।
– कांग्रेस में मुख्यमंत्री को लेकर मंथन शुरू
हिमाचल में जीत के बाद कांग्रेस में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर मंथन शुरू हो गया है। नई सरकार के गठन को लेकर कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक शुक्रवार को चंडीगढ़ में रखी गई है। इसमें हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा भी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री के लिए हिमाचल कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू के नाम पर विचार किया जा रहा है। प्रतिभा सिंह पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी हैं और मंडी लोकसभा सीट से सांसद भी हैं।
– जनता ने रिकॉर्ड तोड़ने में भी रिकॉर्ड रचा: पीएम मोदी
गुजरात में भाजपा लगातार 7वीं बार सरकार बना रही है। इस जीत के बाद जनता और कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करने दिल्ली के भाजपा मुख्यालय में पीएम नरेंद्र मोदी भी पहुंचे। उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जनता जनार्दन के सामने नतमस्तक हूं, ये जनादेश अभिभूत करने वाला है। जहां भारतीय जनता पार्टी प्रत्यक्ष नहीं जीती, वहां भाजपा का वोट शेयर आपके स्नेह का साक्षी है। गुजरात, हिमाचल और दिल्ली की जनता का आभार जताता हूं। आपका प्यार उपचुनावों में भी दिखा। यूपी के रामपुर में भाजपा जीती है। बिहार के चुनावों में भाजपा का प्रदर्शन आने वाले दिनों का प्रदर्शन कर रहा है। मोदी ने कहा कि चुनावों के दौरान मैंने गुजरात की जनता से कहा था, इस बार नरेंद्र का रिकॉर्ड टूटना चाहिए। मैंने वादा किया था कि भूपेंद्र नरेंद्र का रिकॉर्ड तोड़ें, इसके लिए मैं जी जान से कोशिश करूंगा। जनता ने गुजरात के इतिहास का सबसे प्रचंड जनादेश भाजपा को देकर नया इतिहास रच दिया है। ढाई दशक से लगातार सरकार में रहने के बावजूद ऐसा प्यार अभूतपूर्व है। लोगों ने जाति-वर्ग आदि विभाजन से ऊपर उठकर भाजपा को वोट दिया।

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