नयी दिल्ली : शालीमार बाग के मैक्स अस्पताल द्वारा जुड़वां बच्चों को मृत घोषित किये जाने के बाद उनमें से एक बच्चे के जीवित मिलने की घटना के मद्देनजर अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने संबंधी दिल्ली सरकार के आदेश पर अपीलीय प्राधिकरण से स्थगन मिलने पर बच्चों के दादा ने मामले की सीबीआई से जांच कराने की आज मांग की। यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बच्चे के 48 वर्षीय दादा कैलाश ने आरोप लगाया कि परिवार को ‘स्थगन आदेश’ के बारे में जानकारी नहीं दी गयी। इस बहुचर्चित मामले में बच्चे की बाद में पीतमपुरा के एक नर्सिंग होम में मौत हुई थी। हालांकि उसकी जुड़वां बहन मृत पैदा हुई थी।
कैलाश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल के बाहर मौन रहकर प्रदर्शन किया लेकिन पुलिस ने हमें वहां से हटा दिया। दिल्ली सरकार का फैसला अन्य अस्पतालों के लिए चेतावनी की तरह हो सकता था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अब लाइसेंस रद्द किये जाने के फैसले पर स्थगन लगा दिया गया है। हम न्याय के लिए भागदौड़ कर रहे हैं। हम न्याय और पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हैं ताकि चीजें स्पष्ट हो सकें।’’ बच्चे के दादा ने कहा कि उन लोगों ने मामले को आगे बढ़ाने के लिए एक वकील की सेवा ली है। उन्होंने दावा किया कि मामले की जांच की स्थिति रिपोर्ट के लिए उन्होंने आज रोहिणी की एक अदालत में एक याचिका दायर की है। वित्तीय आयुक्त की अदालत ने स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय द्वारा अस्पताल का लाइसेंस रद्द किये जाने संबंधी आदेश पर नौ जनवरी तक के लिए स्थगन लगा दिया। मामले की अगली सुनवाई उसी दिन होगी।