– चार सीटें सहयोगी दलों को छोड़ी
जयपुर। उत्तरप्रदेश में बसपा और सपा मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ेगी। दोनों पार्टियों के बीच सीटों का बंटवारा हो गया है। दोनों ही दल 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। चार सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ी है, जिसमें दो सीटें रायबरेली और अमेठी कांग्रेस के लिए छोड़ी है। आज शनिवार बारह बजे होटल ताज में सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने प्रेसवार्ता में सीटों का बंटवारा करते हुए ये ऐलान किया है। दोनों नेताओं ने कहा कि वे 38-38सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। चार सीटें सहयोगी दलों के लिए है।
मायावती ने प्रेसवार्ता में कहा कि भाजपा और कांग्रेस एक जैसी पार्टी है। दोनों ही दलों ने लंबे समय तक राज किया, लेकिन गरीबों व पिछड़ों का कल्याण नहीं किया। इनके राज में भ्रष्टाचार ही पनपा है। कांग्रेस के साथ गठबंधन करके चुनाव लडऩे में हमें कोई खास फायदा नहीं होता है। मायावती ने यह भी कहा कि यूपी में भाजपा ने बेईमानी से सरकार बनाई है। वर्तमान में जनता बीजेपी की अहंकार से भरी सरकार से खासी नाराज है। लोकसभा चुनाव में हमारी वैसी ही जीत होगी, जैसी उप चुनाव में बीजेपी को हराकर हुई है। लोकसभा चुनाव में हम बीजेपी को हराएंगे। यह पीएम नरेन्द्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की नींद उड़ाने वाली कांफ्रेंस है। यूपी और देश से भाजपा के सफाए के लिए जनहित में बसपा और सपा का गठबंधन हुआ है। मायावती ने कहा कि लखनऊ गेस्ट हाउस कांड से ऊपर उठकर यह गठबंधन हो रहा है।
-कार्यकर्ताओं ने कहा, अबकी माया-अखिलेश की सरकार
ताज होटल में बसपा प्रमुख मायावती और सपा चीफ अखिलेश यादव की प्रेसवार्ता हो रही थी तो बाहर कार्यकर्ता गर्मजोशी के साथ दोनों के पक्ष में नारेबाजी कर रहे थे। वे नारे लगा रहे थे कि अबकी बार माया और अखिलेश की सरकार। बसपा और सपा कार्यालय के बाहर भी हजारों कार्यकर्ता जोशीले अंदाज में नारे लगा रहे थे। उनका कहना है कि परिवर्तन लाना है। परिवर्तन की शुरुआत यूपी से होगी। यूपी के लखनऊ व दूसरे शहरों में अखिलेश और मायावती के पोस्टर भी छाए रहे। दीवारों और होर्डिंग्स पर दोनों नेताओं के पोस्टर लगे हुए हैं। इस गठबंधन से सपा और बसपा कार्यकर्ताओं में जोश है तो गठबंधन में शामिल नहीं होने से कांग्रेस, आरएलडी के नेताओं में मायूसी और गुस्सा है। हालांकि राहुल गांधी पहले ही संकेत दे चुके हैं कि वे यूपी में अकेले चुनाव लड़ेंगे।