लखनऊ. बसपा सुप्रीमो मायावती (67) ने अपने भतीजे आकाश आनंद (27) को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है। यानी मायावती के बाद पार्टी की कमान आकाश के हाथों में होगी। अभी यूपी और उत्तराखंड में पार्टी की जिम्मेदारी मायावती संभालेंगी, जबकि बाकी 26 राज्यों को आकाश देखेंगे। पार्टी की विरासत और राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए मायावती ने अपने भतीजे को आगे किया है। रविवार 10 दिसंबर को डेढ़ घंटे चली मीटिंग के बाद मायावती ने इस फैसले का ऐलान किया। मीटिंग में पार्टी के 28 राज्यों के पदाधिकारी मौजूद थे। आकाश, मायावती के सबसे छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं और फिलहाल पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर हैं। सार्वजनिक तौर पर मायावती के साथ आकाश पहली बार 2017 में सहारनपुर में नजर आए थे। आकाश ने लंदन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की है। आकाश की शादी बसपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य अशोक सिद्धार्थ की बेटी डॉ. प्रज्ञा से इसी साल मार्च में हुई थी। आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ की गिनती मायावती के भरोसेमंद नेताओं में होती है। रविवार को लखनऊ में पार्टी कार्यालय में हुई बैठक में आकाश आनंद और मायावती एक ही गाड़ी में आए। मायावती ने हाल ही में चार राज्यों में हुए चुनाव की कमान भी आकाश को सौंपी थी। इसी से यह तय माना जा रहा था कि आकाश पार्टी में नंबर-2 हैं। इसके अलावा मायावती राजनीतिक तौर पर खुद ज्यादा एक्टिव न होकर आकाश को ही अहम जिम्मेदारियां दे रही थीं। 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान ही यूपी में उन्होंने चुनिंदा रैलियां ही की थीं। चंद्रशेखर के ऑप्शन में आकाश: पश्चिम यूपी में आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर की दलित वर्ग के बीच पकड़ मजबूत हो रही है। बसपा प्रमुख ने दलित समाज के युवाओं को यह साफ मैसेज देने का प्रयास किया कि बसपा में युवा नेता और पार्टी का ऑप्शन आकाश है। वह लगातार रैलियां भी कर रहे हैं। आकाश के बहाने बसपा का युवाओं पर फोकस: यूपी में विधानसभा चुनाव 2022 के चुनाव में बसपा को तगड़ा झटका लगा था। पार्टी का वोट शेयर 22% से घटकर 11% पर आ गया था। इसलिए बसपा अपना खोया जनाधार पाने के लिए युवाओं को जोड़ना चाहती है। इसीलिए मायावती ने आकाश को उत्तराधिकारी चुना है। बसपा के सामने अब ज्यादा ऑप्शन नहीं: चार बार यूपी की सीएम रह चुकी मायावती की पार्टी बसपा की अब प्रदेश में स्थिति कमजोर हो रही है। अभी बसपा का सिर्फ एक विधायक है। जबकि 10 सांसद थे, जिसमें से शनिवार को ही उन्होंने एक सांसद दानिश अली को पार्टी से बाहर कर दिया था।

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