लखनऊ। बहुजन समाजवादी पार्टी से निष्कासित होने के साथ नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने मायावती के खिलाफ एक बड़ा बयान दिया। सिद्दीकी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि यूपी विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने मुसलमानों के लिए गलत और अभद्र भाषा का प्रयोग किया। मायावती ने मुसलमानों को गद्दार तक कह डाला। उन झूठा आरोप लगाकर बसपा से बाहर किया गया। चुनाव के बाद मायावती ने मुझे दिल्ली बुलाया तो मैं मेरे बेटे अफजल के साथ गया। वहां मायावती ने पूछा कि आखिर मुसलमानों ने बसपा को वोट क्यों नहीं दिया? इस पर मैंने उन्हें समझाते हुए कहा कि ऐसी बात नहीं है बहनजी। बसपा को तो मुस्लिमों ने वोट किया है। दरअसल कांग्रेस और सपा का गठबंधन जब तक नहीं हुआ था, उस समय तक मुस्लिम हमारे साथ बड़ी संख्या में थे। इस गठबंधन के बाद मुस्लिम मतदाता भ्रमित हो गया। बसपा को वोट तो मिला, लेकिन जितना मिलना चाहिए था, उतना नहीं मिला। मेरी बात पर मायावती सहमत नहीं हुई। एक दिन बुलाया और कहा कि पार्टी को पैसे की सख्त जरुरत है, 50 करोड़ चाहिए। मेरे पास पैसा था नहीं तो मैंने कहा कि मेरे पास इतनी राशि नहीं हैं, तो उन्होंने प्रॉपर्टी बेच देने की सलाह दी। नोटबंदी का हवाला देते हुए इतना भारी कैश होने से इंकार कर दिया। बाद में मैंने रिश्तेदारों, पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि मेरी प्रॉपर्टी बिकवा दो। मायावती का फोन लगातार पैसों के लिए आता रहा। कहा कि पूरे प्रदेश से सदयस्ता की किताब अपने पैसे से लाओ। प्रत्याशियों के पास जो पैसा बचा है वो लेकर आओ। उसी दिन से मुझे यह लगने लगा था कि अब पार्टी में उनको ज्यादा दिन तक नहीं रखा जाएगा। आखिर मैंने पार्टी के लिए अपनी बेटी कुर्बान कर दी, कैसे छोड़कर चले जाऊ। नसीमुद्दीन ने आरोप लगाते हुए कहा कि मायावती ने मुसलमानों के लिए गलत भाषा का प्रयोग किया और उन्हें गद्दार तक कह डाला। साथ ही कहा कि दाढ़ी वाले कुत्ते मेरे पास आया करते थे। मैंने विरोध किया तो वे बोली कि पिछड़ी और अगड़ी जाति के लोगों ने भी उन्हें वोट नहीं डाले। उन्होंने पिछड़ी जाति के लोगों को भी कोसा। आरोप लगाया कि मायावती ने 19 अप्रेल को अपने भाषण के दौरान बसपा संस्थापक कांशीराम को भी अपमानित किया। हालांकि इस मामले में मैंने मायावती के समक्ष अपनी नाराजगी जता दी थी। बता दें बसपा ने बुधवार को ही पार्टी के बड़े नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी और उनके पुत्र अफजल को पार्टी विरोधी गतिविधियों मं शामिल होने का आरोप लगाकर पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इस मामले में पार्टी महासचिव सतीश मिश्र ने कहा कि नसीमुद्दीन की पश्चिमी यूपी में बेनामी संपत्ति है, अवैध बूचडख़ाने भी चल रहे हैं। जिससे पार्टी की छवि को बड़ा ही नुकसान हुआ तो छवि खराब हुई।
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