नयी दिल्ली। मेडिकल कालेज भ्रष्टाचार मामले के संबंध में पिछले साल गिरफ्तारी के बाद जमानत पर रिहा उड़ीसा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश आई एम कुदुसी ने आज शहर की एक अदालत में याचिका दायर करके उनके तथा दो अन्य आरोपियों के बीच टेलीफोन पर बातचीत का लिखित ब्यौरा मीडिया में लीक होने की जांच की मांग की।विशेष न्यायाधीश मनोज जैन ने इस पर संज्ञान लेते हुए उनकी याचिका पर 22 जनवरी तक सीबीआई से जवाब मांगा। इस याचिका में आरोप लगाया गया कि दस्तावेज गोपनीय थे और इन्हें आरोपियों तक को नहीं दिया गया लेकिन इन्हें जांच एजेंसी से बाहर के लोगों को दे दिया।
कुदुसी की तरफ से अधिवक्ता विजय अग्रवाल द्वारा दायर आवेदन में कहा गया है कि यह ‘‘इस मामले की जांच में तीसरे पक्ष की दखलअंदाजी की चिंता और गंभीर संदेह’’ पैदा करता है।कुछ बड़े अखबारों ने कुदुसी सहित तीन लोगों के बीच कथित बातचीत के लिखित ब्यौरे की जानकारी दी थी। दावा किया गया है कि सीबीआई द्वारा उनके फोन टैप किये गये। माना जा रहा है कि ये तीन लोग कुदुसी, एक बिचौलिया और उप्र आधारित मेडिकल कालेज ‘प्रसाद एजूकेशन ट्रस्ट’ के मालिक बी पी यादव हैं।