प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात में 27 नवम्बर और 29 नवम्बर को आठ रैलियों को संबोधित करेंगे जहां विधानसभा चुनावों के लिए प्रथम चरण में नौ दिसम्बर को वोट डाले जाएंगे। मोदी 27 नवम्बर की सुबह कच्छ जिले के भुज शहर में लोगों को संबोधित करेंगे और फिर राजकोट के जसदान शहर, अमरेली के धारी और सूरत जिले के कामरेज में सभा को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री 29 नवम्बर को दक्षिण गुजरात में सोमनाथ के नजदीक मोरबी और प्राची गांवों में, भावनगर के पलीताना में और नवसारी में जनसभाओं को संबोधित करेंगे । गुजरात प्रदेश भाजपा प्रवक्ता भारत भाई पांड्या ने ‘‘भाषा’’ से कहा कि हर रैली को इस तरह से आयोजित किया गया है कि आसपास के पांच-छह विधानसभा क्षेत्रों के लोग भी इसमें शामिल हो सकें।
समझा जाता है कि प्रधानमंत्री मोदी गुजरात में 25 से 30 सभाओं को संबोधित करने जा रहे हैं । भाजपा ने कांग्रेस के ‘विकास पागल हो गया है’ के नारे की काट के रूप में ‘मै गुजरात छू, मैं विकास छूं’ के नारे पर जोर दे रही है । 26 और 27 नवंबर को भाजपा के कई और प्रमुख नेता पहले चरण के मतदान वाले क्षेत्रों में प्रचार करेंगे। भाजपा की ओर से स्टार प्रचारकों में केंद्रीय मंत्री- राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, अरूण जेटली तथा सुषमा स्वराज व भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री- योगी आदित्यनाथ, वसुंधरा राजे समेत कई अन्य नेता शामिल हैं। भाजपा नेता ने बताया कि 26-27 नवंबर को स्टार प्रचारक पहले चरण में मतदान वाली सभी 89 सीटों पर प्रचार करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मन की बात’ के साथ 26 नवंबर को भाजपा का गुजरात चुनाव का प्रचार अभियान शुरू हो गया जहां राज्य के सभी पचास हजार बूथों पर शाह समेत केंद्र के प्रमुख मंत्रियों एवं नेताओं तथा भाजपा कार्यकर्ताओं ने चाय पर लोगों के साथ मन की बात सुनी। इसी दिन शाम से पार्टी राज्य के पहले चरण की सभी 89 सीटों पर एक साथ चुनावी सभाएं कर रही है, जिनमें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ सभी प्रमुख नेता हिस्सा ले रहे हैं । ‘मन की बात, चाय पे चर्चा के साथ’ का आयोजन भाजपा ने ऐसे समय में किया है जब कुछ ही दिन पहले युवा कांग्रेस ने मोदी के चाय बेचने की पृष्ठभूमि को लेकर तंज किया था हालांकि बाद में पार्टी ने इससे अपने आप को अलग कर लिया था ।
गुजरात में हर बूथ पर जनसंपर्क के दो दौर पूरे कर चुकी भाजपा अब धुंआधार चुनाव प्रचार से राज्य को मथने की तैयारी में है। समझा जाता है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह गुजरात में सांगठनिक मोर्चे पर कहीं कोई चूक नहीं होने देना चाहते, यही वजह है कि चुनाव से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात पर वे खुद पैनी नजर रखे हुए हैं । साथ ही गुजरात में प्रमुख लोगों को उनकी दक्षता के हिसाब से खास जिम्मेदारी दी हुई है ।
भाजपा चुनावों में पन्ना प्रमुखों और बूथ इंचार्ज की भूमिका को बहुत अहम मानती है । यही वजह है कि गुजरात के सभी 182 विधानसभा सीटों के लिए दस लाख से ज्यादा पन्ना प्रमुखों और 58 हजार बूथ इंचार्ज से फीडबैक लेने की जिम्मेदारी 182 विधानसभा इंचार्जों की है । पार्टी ने मतदाता सूची के आधार पर 50 से 60 मतदाताओं पर एक पन्ना प्रमुख बनाया है।
भाजपा ने पूरे गुजरात चुनाव को चार ज़ोन में बांटा हैं. पार्टी ने जिन चार केंद्रीय मंत्रियों को गुजरात का सह प्रभारी बनाया हैं उनको एक एक ज़ोन का प्रभारी बना दिया हैं । इनमें नरेंद्र सिंह तोमर, निर्मला सीतारमण, जितेंद्र सिंह और पीपी चौधरी शामिल हैं । गुजरात भाजपा प्रभारी भूपेन्द्र यादव और संगठन मंत्री रामलाल सभी 182 सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों और ज़िला अध्यक्षों से सम्पर्क में रहते हैं । गुजरात में 182 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में नौ और 14 दिसम्बर को वोट डाले जाएंगे और वोटों की गिनती 18 दिसम्बर को होगा ।
गौरतलब है कि सोमवार 27 नवंबर को विधानसभा चुनावों के दूसरे चरण के लिए नामांकन करने का आखिरी दिन है । इसी दिन भाजपा गुजराम में अपना मेगा अभियान भी शुरू करने की तैयारी में है । मोदी सरकार के कई मंत्री गुजरात में ताबड़तोड़ रैलियां करेंगे और सरकार की नीतियों का बखान करते नजर आएंगे।
नयी दिल्ली : गुजरात विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने के लिये पूरा जोर लगाते हुए भाजपा गुजरात में ‘‘मोदी के करिश्मे’’ को आधार बनाते हुए हर सीट और एक..एक बूथ पर ध्यान केंद्रीत कर रही है और इस अभियान में पन्ना प्रमुख से जिला प्रमुख और प्रदेश एवं राष्ट्रीय नेताओं तथा मंत्री एक केंद्रीत कमान के रूप में काम कर रहे हैं । करीब 15 वर्षो में पहली बार राज्य में मोदी भाजपा का चेहरा नहीं हैं और पाटीदार नेता हार्दिक पटेल तथा पिछड़े वर्ग के नेता जिग्नेश मेवाणी एवं ठाकोर के साथ कांग्रेस की ओर से भाजपा को चुनौती दी जा रही है । ऐसे में भाजपा एक बार फिर ‘मोदी मैजिक’ का सहारा लेती नजर आ रही है।