दौसा. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ब्रांच से 11 करोड़ रुपए गायब होने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो मामले की जांच कर रही है। दावा किया जा रहा है कि गायब हुए पैसे को आईपीएल सट्टे और शेयर मार्केट में लगाया गया है। इस घोटाले के तार पंजाब के फरीदकोट से जुड़े हैं। सीबीआई टीम ने फरीदकोट के जैतो में छापा मारा है, जहां 5 संदिग्ध आरोपियों के घरों की जांच करते हुए उनके अकाउंट भी खंगाले हैं। हालांकि इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। दरअसल, साल 2016 से 2021 एसबीआई ब्रांच में ये सिक्के जमा हुए थे। करीब 13 करोड़ 1 लाख 71 हजार 275 रुपए के सिक्के बैंक में जाम हुए थे। 18 जून 2021 में हरगोविंद मीणा ने बैंक मैनेजर का चार्ज संभाला तो उन्हें सिक्के कम होने का शक हुआ। जिस पर उन्होंने सिक्कों की गिनती करवाने के लिए अर्पित गुड्स करियर को इसका टेंडर दिया गया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई को शक है कि इसकी ट्रांजैक्शन फरीदकोट जिले के जैतो निवासी 5 लोगों के खाते में से हुई। इसी जांच में सीबीआई टीम गुरुवार की शाम फरीदकोट पहुंची थी। बैंक में जमा सिक्कों की गिनती के लिए क्षेत्रीय कॉमर्शियल ऑफिस सवाई माधोपुर के आदेश पर 8 जुलाई 2021 को गठित समिति ने वेंडर अर्पित गुड्स करियर को सिक्कों की गिनती का टेंडर दिया था। अधिकृत फर्म की ओर से शाखा मैनेजर हरगोविंद मीणा की देखरेख में कस्बे की राधा रमण धर्मशाला में 22 जुलाई 2021 से सिक्कों की गिनती की जा रही थी। इस दौरान 10 अगस्त 2021 को फर्म के मैनेजर सतीश शर्मा बालाजी की राधा रमण धर्मशाला में ठहरा हुआ था। रात में करीब 10-15 हथियारबंद बदमाशों ने फर्म के मैनेजर को सिक्कों की गिनती नहीं करने को कहा, साथ ही सिक्कों की गिनती करने पर जान से मारने की धमकी दी। फर्म मैनेजर ने वॉट्सऐप और ब्रांच के ई-मेल पर शिकायत भेजी। जिस पर बैंक मैनेजर हरगोविंद मीणा ने तत्कालीन एसपी मृदुल कच्छावा को लेटर भेजकर शिकायत की थी। जिस पर टोडाभीम थाने में मामला दर्ज हुआ था। जब सिक्कों की गिनती पूरी तो हुई तो एक करोड़ 39 लाख 60 हजार रुपए ही मिले थे। ऐसे में गिनती में करीब 11 करोड़ सिक्के कम मिले थे। इस संबंध में बैंक मैनेजर हरगोविंद मीणा ने करौली एसपी को शिकायत भेजकर कार्रवाई की मांग की थी।
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