नयी दिल्ली. पूर्व दूरसंचार मंत्री अंदिमुतु राजा ने आज भारत के पूर्व नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक विनोद राय को ष्भाड़े का हत्यारा करार दिया जो संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन-2 संप्रग.2 को खत्म करने के लिए काम कर रहे थे। राजा ने अपनी पुस्तक ष्टूजी सागा अनफोल्ड्सष् के विमोचन के मौके पर पत्रकारों से कहा कि उन्हें जेल भेजा जाना शक्ति का दुरुपयोग था तथा राष्ट्र के साथ धोखाधड़ी थी।
पुस्तक का विमोचन जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग संप्रग-2 के खिलाफ काम कर रहे थे और उन्होंने राय का इस्तेमाल किया। राजा ने कहाए ष्ष्विनोद राय को शक्ति के दुरुपयोग तथा देश के साथ धोखाधड़ी के लिए सजा मिलनी चाहिए। वह भाड़े के हत्यारे थे। उनके कंधे का इस्तेमाल संप्रग.2 सरकार को खत्म करने के लिए किया गया।ष्ष् पूर्व मंत्री ने कहाए ष्ष्कुछ ताकतें संप्रग.2 सरकार को गिराना चाहती थी और उन्होंने विनोद राय का इस्तेमाल बंदूक की तरह किया।ष्ष् राजा ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने कैग की रिपोर्ट के आधार पर टूजी लाइसेंस रद्द किया था। उन्होंने भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल पर अपने खिलाफ साजिश रचने का भी आरोप लगाया। राजा ने इस मौके पर पूर्वप्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सराहना की। उन्होंने कहाए ष्ष्उनके द्वारा मिले संरक्षण और मार्गदर्शन के कारण ही मैं गिरोह को तोड़ने में कामयाब हुआ था और तब कॉल की दरें सस्ती हुई थीं। वह चाहते थे कि स्पेक्ट्रम सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए उपलब्ध की जाए।ष्ष् राजा के कार्यकाल के दौरान कॉल की दरें 2.4 रुपये प्रति मिनट से कम होकर 25 पैसे प्रति मिनट तक गिर गयी थी।
राजा ने कहा कि उन्होंने सिंह से डेढ़ घंटे की मुलाकात की और उन्हें किताब की एक प्रति भी दी। राजा ने कहाए ष्ष्उन्होंने ;सिंहद्ध मेरे साथ जो भी हुआ उसके लिए दुख प्रकट किया। वह एकदम भावुक हो गये थे। मैं इसका खुलासा बाद में सही समय पर करूंगा कि हम दोनों के बीच क्या हुआ।ष्ष् उन्होंने कहा कि स्पेक्ट्रम आवंटन के मुद्दे पर मंत्रिमंडल के सदस्यों के बीच असहमतियां थीं। राजा ने कहा कि मित्तल स्पेक्ट्रम आवंटन के खिलाफ अदालत गये थे लेकिन उन्हें असफलता हाथ लगी। मित्तल तत्कालीन प्रधानमंत्री तथा विधि मंत्री से भी मिलने गये थे और वहां भी वह असफल रहे थे। मित्तल चाहते थे कि मेरी सरकार की कार्यवाहियां रोक दी जाएं। पूर्व दूरसंचार मंत्री ने कहा कि तत्कालीन वित्त मंत्री ने इसपर आपत्ति जतायी थी और कैबिनेट मंत्री कमल नाथ ने मनमोहन सिंह को खुला पत्र लिखकर मामले को मंत्रियों के समूह के पास भेजने की बात की थी।
राजा ने भारतीय जनता पार्टी के साथ किसी भी तरह के जुड़ाव की संभावनाओं को खारिज करते हुए कहा कि उसे टूजी विवाद से फायदा हुआ है। उन्होंने कहा, हम धर्मनिरपेक्ष हैं। हम हमेशा धर्मनिरपेक्ष ताकतों के साथ ही रहेंगे। कोई भी बदलाव सिर्फ नेतृत्व तय करेगा।