raamamandir: sansad ke sheetakaaleen satr se pahale sabhee 543 saansadon se milegee veeesapee

जयपुर। करीब ढाई दशक बाद फिर से अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा गरमाया हुआ है। रविवार को धर्मसभा में देशभर के प्रमुख मठों व आश्रमों के साधु संत धर्मसभा कर रहे हैं, वहीं धर्मसभा के लिए दो लाख से अधिक रामभक्त भी अयोध्या पहुंच गए हैं। भाजपा, आरएसएस, शिवसेना के नेता भी दो दिन पहले ही यहां आ गए। धर्मसभा में भगवान श्रीराम का मंदिर बनाने को लेकर देशभर के साधु संत और राम मंदिर समर्थक राजनीतिक व सामाजिक संगठन के नेता एक जाजम पर बैठे हैं। शाम तक चलने वाली इस धर्मसभा में साधु-संत और वक्ता राम मंदिर निर्माण को लेकर बड़ा फैसला सुना सकते हैं। धर्मसभा की जिम्मेदारी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पास है। पहली बार विहिप को इससे दूर रखा गया है। राम मंदिर आंदोलन के अगुवा अशोक सिंघल और प्रवीण भाई तोगडिया के विहिप से निष्कासन के बाद आरएसएस ने राम मंदिर मसले पर आयोजित धर्मसभा की जिम्मेदारी खुद के पास रखी है। धर्मसभा के लिए देश के सभी मठों व आश्रमों के साधु-संत पहुंच गए है। आरएसएस प्रमुख मोहन राव भागवत, शिवसेना चीफ उद्वव ठाकरे समेत तमाम नेता व पदाधिकारी आ गए हैं। महाराष्ट्र से दस हजार से अधिक शिवसैनिक अयोध्या में आ चुके हैं। दो लाख से अधिक राम भक्त व साधु संतों के आगमन को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के लिए करीब 70 हजार पुलिस बल तैनात किया गया है।

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