जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने भाजपा सरकार में खनन घोटाले का कांग्रेस द्वारा खुलासा किये जाने पश्चात् सरकार द्वारा रद्द की गई 652 खानों में से चार निरस्त खानों के पुनरीक्षण के आदेश दिये जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। पायलट ने कहा कि कांग्रेस ने गत् वर्ष बड़ा खुलासा किया था कि भाजपा की केन्द्र सरकार द्वारा खनन नीति जारी होने के बावजूद प्रदेश की भाजपा सरकार ने नीलामी करने के स्थान पर 652 खानों का आवंटन कर राजकोष को भारी नुकसान पहुँचाया था। जब कांग्रेस ने खनन घोटाले का खुलासा किया था तब बताया था कि खनन घोटाला 40 हजार करोड़ रुपये का नहीं वरन् लाखों करोड़ रुपये का है जो गत् दिनों प्रदेश सरकार द्वारा चित्तौडग़ढ़ व नागौर में किये गये तीन खानों के आवंटन से प्राप्त 16 हजार करोड़ रुपये के राजस्व से पुष्ट हो गया है। उन्होंने कहा कि जब तीन खानों से ही लगभग 16 हजार करोड़ रुपये मिले है तो शेष अन्य छरू सौ से भी ज्यादा खानों की नीलामी पर लाखों करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया जा सकता है। चार कम्पनियों द्वारा निरस्त खानों की बहाली के लिए केन्द्र सरकार के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी के पास अपील दायर की गई जिस पर पुनरीक्षण के आदेश जारी किये गये हैं। केन्द्र सरकार की खनन नीति में नीलामी का प्रावधान स्पष्ट है। उसके बाद भी पुनरीक्षण के आदेश दिया जाना केन्द्र सरकार के अधिकारी के विवेक पर प्रश्नचिह्न लगाता है। उन्होंने कहा कि यदि चार खानों का पुनरीक्षण कर नीलामी की जगह आवंटन को बहाल कर दिया गया तो शेष निरस्त हुई खानों के आवंटन का रास्ता साफ हो जाएगा। इसलिए आवश्यक है कि केन्द्र सरकार की खनन नीति की अनुपालना में केन्द्र सरकार के अधिकारी द्वारा दिये गये खानों के आवंटन के पुनरीक्षण के आदेश को रोका जाए। उन्होंने कहा कि सरकार सुनिश्चित करें कि सभी खानों का आवंटन नीलामी के माध्यम से हो ताकि माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के आधार पर खनन आवंटन में पारदर्शिता बरती जा सके।