बीकानेर.पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ बुलाकीदास कल्ला ने आज शिक्षा जगत से जुड़े विशेषज्ञों से विभिन्न विषयो पर शैक्षिक चर्चा की. डॉ कल्ला ने कहा की वर्तमान बीजेपी सरकार के शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनांनी ने लगभग 19000 स्कूलो को सेकेंडरी और सीनियर सेकंडरी स्कूलो में मर्ज करने के नाम बंद कर दिया है जिसके कारन विभिन्न गाँवो और ढाणियों में पढ़ने वालो बच्चों को 8 किलोमीटर दूरस्थ स्थानों पर जाना पड़ रहा है जिस से विधार्थियो का लगभग डेढ़ लाख सालाना नामांकन कम हो जाएगा. डॉ कल्ला को विशेषज्ञो ने जानकारी दी की इसी तर्ज पर लगभग 2000 स्कूलो को और बंद करने की तैयारी राज्य सरकार कर रही है जो की साबित करता है की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने गावो और ढाणियों में प्राथमिक शालायें खोलकर सत प्रतिसत साक्षरता वाला जो कार्यक्रम शुरू किया था उस पर वासुदेव देवनानी तालाबंदी का कार्य कर रहे है. डॉ कल्ला ने कहा, जो 19000 स्कूलो को बंद किया है उसके कारन अध्यापको के लगभग 72000 पद टूट गए है वही 4000 पदो को और तोड़ने की तैयारी राज्य सरकार कर रही है जिन जिन क्षेत्रो में स्कूलो को बंद किया गया वहा की जनता में इसके प्रति गहरा रोष व्याप्त है| डॉ कल्ला ने आरोप लगाया, वर्तमान में 1 लाख से अधिक वरिष्ठ अध्यापको अध्यापको और स्कूली व्याख्याताओ के पद रिक्त पड़े है जिस बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में 3 लाख लोगो को प्रतिवर्ष नोकरी देने का वादा किया उसी बीजेपी ने अपने अभी तक के 3 साल के कार्यकाल में नयी नोकरी तो दूर रिक्त पदो पर भर्ती ना करने से युवाओ में भारी रोष व्याप्त है. डॉ कल्ला ने कहा की भारतीय जनता पार्टी ने बार बार स्थानांतरण निति बनाने और उसी के अनुसार स्थानांतरण करने का आश्वाशन दिया किन्तु सेटअप परिवर्तन और स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर हजारो की संख्या में शिक्षको को दूरस्थ स्थानों पर जाने को मजबूर किया. डॉ कल्ला ने आज ग्रीष्मकालीन शिक्षक प्रशिक्षण आवासीय शिविरो का औचक निरीक्षण किया| शिविरो में उपस्थित सभी अध्यापको और अध्यापिकाओ ने सर्वसमिति से डॉ कल्ला से आग्रह किया की सरकार द्वारा तानासाही पूर्ण तरीके से जो आवासीय शिविरो का आयोजन किया है उसका कोई औचित्य नहीं है| उपस्थितों ने बताया की शाम को 7 बजे से सुबह 7 बजे तक शिविरो में कोई काम नहीं होता काम केवल सुबह से शाम होता है बावजूद इसके शिविरो में रोकना न्यायसंगत नहीं है| डॉ कल्ला द्वारा शिविरो में दी जा रही सुविधाओ का निरीक्षण करने पर पाया गया की शिविरो में आवश्यक दैनिक कार्य को करने के लिए भी प्रयाप्त साधन नहीं है जिसके कारन शिविरो में आने वाली अध्यापिकाओ में गहरा रोष व्याप्त है महिलाये भयभीत है डॉ कल्ला ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे लोगो को आस्वस्त किया की वे स्वयं वासुदेव देवनानी से मुलाकात कर समस्याओ से अवगत करवा कर उनके निस्तारण का प्रयास करेंगे|शिविरो में बायोमेट्रिक हाजरी पर डॉ कल्ला ने शिक्षामंत्री को आढ़े हाथो लेते हुए कहा कीसरकारी कार्यलयों में बायोमेट्रिक हाजरी ली जाती है शिविरो में आवश्यक नहीं है ना ही सेवा नियमो में भी इसका उलेख है शिविरो में केवल उपस्तिथि प्रमाण पत्र की ही आवश्यकता होती है|
डॉ कल्ला ने बताया की जब से देवनानी ने कार्यभार संभाला गई तब से लेकर आज तक सिर्फ स्कूलो की समय बढ़ोतरी सेटअप परिवर्तन और स्टाफिंग पैटर्न तथा काउन्सलिंग के नाम पर तबादलो की भरमार कर शिक्षको में भय और असुुरक्षा का वातावरण बनाया है. पूर्व शिक्षा मंत्री ने कहा की इस सरकार ने बीकानेर के उच्च प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को कमजोर करने का कार्य ही किया है जहा नियुक्ति और स्थानांतरण के समस्त अधिकार निदेशक के पास होते थे जिन्हें छीनकर उपनिदेशक माध्यमिक शिक्षा निदेशक को दिया गया वही राष्ट्र माध्यमिक शिक्षा परिषद् रमसा का कार्य जो की शिक्षा निदेशालय के पास था उसको भी जयपुर को दे दिया गया| डॉ कल्ला ने बताया की शिक्षा मंत्री की घोर शिक्षक विरोधी नीतियों के कारन शिक्षा जगत के सभी शिक्षको में गहरा आक्रोश है तथा भविष्य में यह चिंगारी आन्दोलन का रूप लेते देर नहीं लगाएगी     डॉ कल्ला ने सभी कर्मचारियों के लिए तुरंत प्रभाव से सातवे वेतन आयोग की अनुसंशा लागू करने की मांग भी उठाई |

LEAVE A REPLY