जयपुर। भाजपा सरकार राजस्थान के तीन केबिनेट मंत्रियों चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ, पंचायत राज मंत्री राजेन्द्र राठौड़, सामाजिक न्याय मंत्री अरुण चतुर्वेदी और सांसद निहालचंद मेघवाल के पार्टी के वरिष्ठ विधायक और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ मुखर हो रहे घनश्याम तिवाड़ी के खिलाफ दिए गए बयान के बाद भाजपा में सियासत गरमा गई है। इन नेताओं ने तिवाड़ी को पार्टी और सरकार के खिलाफ चलने वाला नेता बताते हुए बयान दिया था कि वे निरकुंश है। सिर्फ अपने ही बारे में सोचते हैं। जिन्होंने भी इन्हें आगे बढ़ाया, उनके खिलाफ खड़े हुए हैं। पंचायत राज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ की ओर से जारी किए गए मंत्रियों व सांसद मेघवाल के संयुक्त बयान के बाद रात को विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने करारा जवाब दिया है। तिवाड़ी ने बयान में कहा कि इन सभी नेताओं ने अपने कुर्सी बचाने के लिए ऐसा बयान दे रहे हैं। मेरी इनके साथ सहानुभूति है। ये लोग लाचार है। इन्हें अपना मंत्री पद बचाना है। तिवाड़ी ने यह भी कहा कि अगर मेरे खिलाफ बयान देने से इनका मंत्री पद बचता है तो मुझे इसमें प्रसन्नता होगी। तिवाड़ी ने कहा है कि ये सभी मंत्री और सांसद गोयल मुख्यमंत्री के दबाव में इस तरह का बयान दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने दिल्ली से मंत्रियों पर दबाव डाला और वे अपनी कुर्सी बचाने के लिए सीएम वसुंधरा राजे के दबाव में बयान दे रहे हैं।
गौरतलब है कि अनुशासनहीनता को लेकर पार्टी नेतृत्व ने घनश्याम तिवाड़ी को नोटिस देकर पांच सवालों पर स्पष्टीकरण मांगा है। इनमें तीन सवालों का जवाब दे दिया है, जिसमें मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके समर्थक नेताओं पर उन पर जानलेवा हमला करवाने का जिक्र करते हुए कहा है कि मेरी सुरक्षा हटा ली है। मुझे पर जानलेवा हमले हो चुके हैं। पार्टी कार्यक्रम में हमले हुए हैं। हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जानलेवा हमले के अंदेशे के चलते वह पार्टी बैठकों में नहीं आते हैं। उन्होंने पार्टी और पार्टी कार्यक्रमों को लेकर कोई अनुशासनहीनता नहीं की है। तिवाड़ी के नोटिस जवाबों से सरकार और पार्टी के अलावा प्रदेश की राजनीति में हडकम्प मचा हुआ है। पार्टी कार्यकर्ताओं का एक बड़ा तबका तिवाड़ी के जवाबों से संतुष्ठ नजर आ रहा है। क्योंकि पार्टी में कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं होने को लेकर कई विरोध प्रदर्शन सामने आ चुके हैं। कोटा, जयपुर, शेखावाटी में हुए पार्टी कार्यक्रमों में भी कार्यकर्ताओं की नाराजगी देखी जा चुकी है। उधर, कांग्रेस ने इस मुद्दे पर भाजपा सरकार को घेरना शुरु कर दिया है।

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