जयपुर. केंद्र सरकार के मंत्रियों को मंत्रालयों का बंटवारा कर दिया गया है। राजस्थान के मंत्रियों में गजेंद्र सिंह शेखावत का इस बार मंत्रालय बदल गया है। जलशक्ति की जगह उन्हें पर्यटन और कला संस्कृति की जिम्मेदारी दी गई है। भूपेंद्र यादव का वन एवं पर्यावरण और अर्जुनराम मेघवाल का कानून एवं न्याय मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार) के साथ संसदीय कार्य मंत्रालय बरकरार रखा गया है। भागीरथ चाैधरी को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का राज्य मंत्री बनाया गया है। तीसरे टर्म की सरकार में राजस्थान को पिछले बार से ज्यादा प्रतिनिधित्व मिला था। मोदी 2.0 में जहां राजस्थान से 3 मंत्री सरकार में शामिल किए गए थे, तो इस बार 4 सांसदों को मौका दिया गया। शेखावत,यादव और मेघवाल को रिपीट किया गया है तो भागीरथ चौधरी को पहली बार केंद्र सरकार में मंत्री बनाया गया है।
– गजेंद्र सिंह शेखावत: संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय
संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय मोदी सरकार और बीजेपी के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के एजेंडे को पूरा करने वाला है। इस मंत्रालय में वैचारिक रूप से मजबूत और परखे हुए नेता की जरूरत थी। गजेंद्र सिंह का चयन इसीलिए किया गया। वैचारिक रूप से उनको मजबूत माना जाता है। बीजेपी,आरएसएस के वैचारिक तबके तब उनकी पैठ है। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के साथ पर्यटन से जुड़े बड़े प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी भी रहेगी। गजेंद्र सिंह शेखावत को पर्यटन और कला संस्कृति मंत्रालय मिलने से राजस्थान को अब पर्यटन स्थलों के विकास में केंद्रीय प्रोजेक्ट्स मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। धार्मिक टूरिज्म सर्किट प्रोजेक्ट को गति मिलने की संभावना है। राज्य में इको टूरिज्म के प्रोजेक्ट की भी बड़ी संभावनाएं हैं। संस्कृति मंत्रालय के बड़े आयोजन भी अब राजस्थान में हो सकेंगे।
– भूपेंद्र यादव: वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
भूपेंद्र यादव का पिछली बार वन, पर्यावरण मंत्रालय में ठीक ट्रैक रिकॉर्ड माना जाता है। अंतरराष्ट्रीय लेवल पर पर्यावरण से ज़ुड़े मुद्दे और समझौते अब डिप्लोमैसी के हिसाब से अहम जगह रखते हैं। यादव ने इस क्षेत्र में अच्छी पकड़ बनाई थी। आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय लेवल पर इस मंत्रालय का महत्व और बढे़गा। इस मंत्रालय में कानूनी और इंटरनेशनल एन्वायरमेंट से जुड़ी अप्रोच रखने वाले मंत्री की जरूरत थी।
– अर्जुनराम मेघवाल: कानून मंत्रालय स्वतंत्र प्रभार, संसदीय कार्य राज्य मंत्री
अर्जुनराम मेघवाल पीएम मोदी के विश्वास पात्र होने के साथ साइलेंट और लॉ प्रोफाइल रहे। कानून मंत्रालय जैसे संवेदनशील मंत्रालय में मेघवाल की लो प्रोफाइल छवि ताकत बनी। किरण रिजिजू जब कानून मंत्री थे, तब उनके रुख से सुप्रीम कोर्ट से विवाद जैसी स्थति पैदा हो गई थी। मेघवाल समन्वय बनाकर चलने वाले मंत्री रहे। निर्विवाद छवि के चलते उन्हें बरकरार रखा गया।
– भागीरथ चौधरी: कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री
भागीरथ चौधरी पहली बार मंत्री बने हैं। किसानों से जुड़े मुद्दों पर किसान वर्ग से जुड़े नेता को ही राज्य मंत्री बनाया गया है। उनके जरिए किसान वर्ग को मैसेज दिया गया है। किसान आंदोलन जैसे हालात बनने पर डेडलॉक तोड़ने में भी किसान वर्ग का मंत्री होने पर आसानी रहती है।
– अश्विनी वैष्णव: रेल, सूचना प्रसारण, आईटी मंत्रालय
अश्विनी वैष्णव का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा रहा है। रेल्वे इंफ्रास्ट्रक्चर में आगे सरकार बहुत से काम करना चाहती है, इसलिए ऐसे मंत्री की जरूरत थी, जो टेक्निकली मजबूत होने के साथ प्रशासनिक दक्षता भी रखता हो। वैष्णव उन सब पैरामीटर पर खरे उतर रहे थे। मोदी के विश्वासपात्र होने के साथ परफॉर्मर मंत्री माना जाता है।

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