हिसार। हिसार में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें दोषी को नाबालिग होने के बाद भी कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है दोषी की उम्र 17 वर्ष है जिसने एक युवक की चाकुओं से गोद कर हत्या कर दी थी। निर्भया कांड से पहले किसी नाबालिग को उम्रकैद की सजा का प्रावधान नहीं था। निर्भया कांड के बाद सरकार ने जुवेनाइल एक्ट में संशोधन किया था। संगीन मामलों में कोर्ट आकलन कर 16 से 18 साल के नाबालिग का केस बालिग आरोपी के केस की तरह चलाकर उसे पूरी सजा सुना सकती है। एडीजे डीआर चालिया की कोर्ट ने बरवाला की हीरा कॉलोनी के युवक राकेश की एक साल पहले चाकू मारकर हत्या करने पर बरवाला के दो भाइयों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने 20 वर्षीय बड़े भाई को हत्या और आर्म्स एक्ट के तहत उम्रकैद और 15 हजार रुपये जुमार्ने की सजा सुनाई है।
जुमार्ना न भरने पर उसे दो साल की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अदालत ने करीब 17 वर्षीय छोटे भाई को हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनाई है। खास बात यह है कि जुवेनाइल एक्ट में संशोधन होने पर हिसार की अदालत ने किसी नाबालिग को पहली बार उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने दोनों भाइयों को शुक्रवार को दोषी करार दिया था। बरवाला थाना पुलिस ने इस संबंध में दो सितंबर 2016 को केस दर्ज किया था। अदालत में चले अभियोग के अनुसार बरवाला की हीरा कॉलोनी का 19 वर्षीय राकेश कुमार घटना वाली रात करीब आठ बजे घर से पड़ोस में दुकान से सामान लाने गया था। वहां अचानक एक किशोर ने उसे पकड़ लिया था और उसके बड़े भाई ने उसे चाकू मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। दोनों भाई राकेश से रंजिश मानते थे और उन्होंने रंजिशन उस पर हमला किया था। लोगों ने बीच-बचाव कराया तो हमलावर फरार हो गए थे। परिजन उसे यहां सरकारी अस्पताल में लाए, जहां चिकित्सकों ने युवक को मृत घोषित कर दिया था। बरवाला थाना पुलिस ने दोनों भाइयों के खिलाफ हत्या और आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। अदालत ने पूरे मुकदमे की सुनवाई के बाद दोनों भाइयों को दोषी मानकर उम्रकैद की सजा सुनाई।