आइजोल | मिजोरम सरकार ने सोमवार को हमार जनजातियों के लिए अलग जिला परिषद की मांग ठुकरा दी। मिजोरम सरकार मणिपुर के उग्रवादी संगठन, हमार पीपुल्स कनवेंशन-डेमोक्रेटिक (एचपीसी-डी) के साथ हमार जनजाति के संपूर्ण विकास के मुद्दे पर शांति वार्ता कर रही है।
हमार जनजाति की अधिकांश बसावट मिजोरम और मणिपुर में है। ललहमिंगथांगा सानेट की अगुवाई वाला एचपीसी-डी का एक धड़ा हालांकि क्षेत्र में संविधान की छठी अनुसूची के अंतर्गत स्वायत्त जिला परिषद की अपनी बहुप्रतीक्षित मांग को लेकर और इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को शामिल कर त्रिपक्षीय वार्ता पर अड़ा हुआ है।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “मिजोरम सरकार ने राज्य में किसी भी जनजाति के लिए स्वायत्त जिला परिषद नहीं बनाने का निर्णय लिया है। हम एच. जोसांगबेरा की अगुवाई वाले में एचपीसी-डी के प्रमुख धड़े के साथ वार्ता कर रहे हैं।” उन्होंने बताया, “इस धड़े ने गत वर्ष राज्य सरकार के साथ बातचीत से पहले स्वायत्त जिला परिषद की अपनी मांग छोड़ दी थी। जोसांगबेरा धड़े से इस माह के तीसरे या चौथे सप्ताह वार्ता होगी और इस धड़े से यह अंतिम अधिकारिक वार्ता होगी।”
उल्लेखनीय है कि इससे पहले संविधान की छठी अनुसूची के अंतर्गत अल्पसंख्यक जनजातियों के संपूर्ण समाजिक-आर्थिक विकास के लिए मिजोरम के लॉन्गतलाई जिले में लाई स्वायत्त जिला परिषद एवं चकमा स्वायत जिला परिषद और सैहा में मारालैंड स्वायत्त जिला परिषद बनाया जा चुका है।