जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मॉब लिंचिंग मानवता पर कलंक है। भीड़ द्वारा किसी की जान ले लेने से पीड़ित परिवार पर क्या गुजरती होगी, इसका दर्द हम सब महसूस कर सकते हैं। प्रदेश में ऎसी घटनाओं का कोई स्थान नहीं है। हमारा कोई नागरिक मॉब लिंचिंग का शिकार न हो और कानून-व्यवस्था बनी रहे। इसके लिए हमारी सरकार एक सख्त कानून लेकर आई है।

गहलोत शासन सचिवालय में सचिवालय कर्मचारी संघ की ओर से आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में ध्वजारोहण के बाद उपस्थित कार्मिकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मणिपुर के बाद राजस्थान देश का ऎसा दूसरा राज्य है, जिसने मॉब लिंचिंग पर कानून बनाया है और देश में प्रेम, मोहब्बत तथा भाईचारे का संदेश दिया है। श्री गहलोत ने कहा कि दो युवाओं में पे्रेम होना कोई गुनाह नहीं है। उन्हें अपनी रजामंदी से विवाह का अधिकार है। उनकी सुरक्षा के लिए हमारी सरकार ने ऑनर किलिंग पर भी मजबूत कानून बनाया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन सचिवालय संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन का केन्द्र बने। यहां आने वाले हर फरियादी की समस्या का समाधान हमारा कर्तव्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं भी इसी सचिवालय परिवार का एक सदस्य हूं। प्रदेश के सभी कर्मचारियों के कल्याण के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। समय-समय पर हमने कर्मचारियों की उचित मांगों को पूरा किया है और आगे भी उनके हितों का ख्याल रखेंगे।
गहलोत ने सुझाव दिया कि सचिवालय में आयोजित होने वाले स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन पूर्व संध्या को किया जाए ताकि इसमें सचिवालय कर्मचारियों के परिवारजन की भागीदारी और उनमें पारिवारिक मेल-जोल भी बढ़ सके।
इससे पहले मुख्य सचिव श्री डी.बी. गुप्ता ने कहा कि राज्य कर्मचारी संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन की महत्वपूर्ण कड़ी हैं। हमें ईमानदारी और समर्पण के साथ काम करने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि कर्मचारी हितों का सरकार ने सदैव ख्याल रखा है। इस साल सचिवालय के सभी संवर्गों की पदोन्नति हो चुकी है। अनुकम्पात्मक नियुक्तियों के प्रकरण भी जल्द निस्तारित किए जा रहे हैं।

सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष श्री पंकज कुमार ने संघ की गतिविधियों की जानकारी दी और अतिथियों का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने सचिवालय कर्मचारी संघ की वेबसाइट का शुभारम्भ भी किया। इस अवसर पर सचिवालय के कार्मिकों एवं उनके परिजनों ने मॉब लिंचिंग पर मार्मिक नाटक ’हम वतन’ तथा अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनोहारी प्रस्तुतियां दी।

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