नई दिल्ली। पीएम नरेन्द्र मोदी ने अपने कार्यकर्ताओं से बातचीत करते हुए कहा था कि पार्टी अपने नए सहयोगी बनाना चाहती है। और उनके साथ मिलकर आगे की रणनीति बनाई जाएगी और उनके हितों का भी ध्यान रखा जाएगा। इस बातचीत में उन्होंने अटल विहारी वाजपेयी का भी जिक्र किया था कि किस तरह उन्होंने सहयोगियों की बदौलत सरकार बनाई और चलाई भी। मगर मोदी की इन उम्मीदों को स्टालिन ने धुमिल कर दिया है। डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने शुक्रवार को यह बात साफ कर दी है कि वो बीजेपी के साथ कभी भी गठबंधन नहीं करेंगे क्योंकि बीजेपी ने राज्यों के अधिकारों को कुचल दिया है. उन्होंने कहा कि वो कभी बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे क्योंकि नरेंद्र मोदी, अटल बिहारी वाजपेयी नहीं हैं।
स्टालिन ने 16 दिसंबर को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को देश का अगला प्रधानमंत्री बनाने का संकल्प लेते हुए केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को हराने के लिए उनकी काबिलियत की तारीफ की थी. उन्होंने कहा था, 2018 में, थलाईवर कलैगनार की प्रतिमा के अनावरण के मौके पर मैं प्रस्ताव देता हूं कि हम दिल्ली में नया प्रधानमंत्री बनाएंगे. हम नया भारत बनाएंगे. थलाईवर कलैगनार के पुत्र के नाते मै तमिलनाडु की ओर से राहुल गांधी का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए प्रस्तावित करता हूं।