आरएसडीसीएल तथा एनटीपीसी के बीच एमओयू, जैसलमेर के नोख में स्थापित होगा 925 मेगावाट का सौर ऊर्जा पार्क
चार हजार करोड़ का होगा निेवेश, राजस्थान को रिन्यूएबल एनर्जी में बनाएंगे नम्बर वन प्रदेश
जयपुर। ऊर्जा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने सौर ऊर्जा उत्पादन की द्वष्टि से राजस्थान को देश का अग्रणी प्रदेश बनाने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा है कि जैसलमेर के नोख में स्थापित होने वाला 925 मेगावाट क्षमता का सोलर पार्क ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में राज्य के बढ़ते कदमों की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
डॉ. कल्ला की मौजूदगी में गुरूवार को जयपुर के मैरिएट होटल में इस सोलर पार्क की स्थापना के सम्बंध में राजस्थान सोलर पार्क डवलपमेंट कम्पनी लिमिटेड – आरएसडीसीएल तथा नेशनल थर्मन पावर कॉरपोरेशनएनटीपीसी के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। आरएसडीसीएल की ओर से राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम लिमिटेड (आरआरईसीएल) के प्रबंध निदेशक श्री अनिल गुप्ता तथा एनटीपीसी की तरफ से कार्यकारी निदेशक श्री मोहित भार्गव ने क्रियान्वयन सहायता समझौता पत्र (इंप्लीमेंटेशन एंड सपोर्ट एग्रीमेंट) पर हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर प्रमुख शासन सचिव, ऊर्जा एवं आरआरईसीएल के अध्यक्ष श्री अजिताभ शर्मा, राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड के सीएमडी श्री दिनेश कुमार एवं जयपुर डिस्काम के एमडी श्री एके गुप्ता सहित एनटीपीसी एवं विद्युत कम्पनियों के अधिकारी, एन्टरप्रेन्यार्स, निवेशक, निजी क्षेत्र के प्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
प्रदेश में सूर्य की रोशनी और रेडिएशन सर्वाधिक
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा कि राजस्थान में सूर्य की रोशनी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है और सोलर रेडिएशन की उपलब्धता यहां पर सर्वाधिक है। प्रदेश में एक लाख 42 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा तथा एक लाख 27 हजार मेगावाट पवन ऊर्जा उत्पादन करने की क्षमता है। राज्य सरकार इसका दोहन करते हुए प्रदेश को सौर ऊर्जा में देश का नम्बर वन प्रदेश बनाने के लिए लगातार कदम उठा रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में 5 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है। नोख में बनाने वाले इस सोलर पार्क से भी इस सोलर पार्क से दिसम्बर 2021 से पहले सौर ऊर्जा का उत्पादन आरम्भ होगा।
सोलर एनर्जी तथा विंड एंड हाईब्रिड नीति में किए विशेष प्रावधान
डॉ. कल्ला ने कहा कि प्रदेश में अक्षय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने पिछले दिनों सोलर एनर्जी पालिसी2019 तथा विंड एंड हाईब्रिड नीति2019 को जारी किया है। इन नीतियों में निवेशकों के लिए सीलिंग एवं स्टाम्प डयूटी में छूट तथा लैंड कन्वर्जन से मुक्ति जैसे आकर्षक प्रावधान किए गए है। इन नीतियों को सभी पक्षों से प्राप्त सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है, इनके बारे में और भी जो फीडबैक मिलता है, उसे गम्भीरता से लिया जाता है।
सोलर स्टोरेज क्षमता विकसित करने के लिए हो रिसर्च
डॉ. कल्ला ने प्रदेश में सोलर एनर्जी के स्टोरेज की क्षमता विकसित करने के लिए अधिकारियों से इस दिशा में रिसर्च पर फोकस करने को कहा। उन्होंने कहा कि दुनियां में कई जगहों पर हाईड्रो कार्बन और लिथियम की बैटरी का प्रयोग सोलर एनर्जी के स्टोरेज के लिए किया जा रहा है। राज्य में इन बैटरीज को डवलप करने की क्षमता विकसित हो जाने से किसान रात के समय भी सोलर एनर्जी का उपयोग करने में सक्षम हो जाएंगे।
चार हजार करोड़ का होगा निवेश
ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री अजिताभ शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि नोख में सोलर पार्क के इस एग्रीमेंट के तहत प्रदेश में करीब 4000 करोड़ का निवेश होगा। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में यह सबसे बड़ा निवेश है। एनटीपीसी की बोर्ड बैठक में भी गत दिनों इस पार्क के लिए अनुमति जारी कर दी गई है। समझौते के तहत प्रदेश को डवलपमेंट फंड से भी करीब 450 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे एवं 180 करोड़ रुपये जीएसटी के माध्यम से मिलेंगे।
समय के साथ और मजबूत होगी भागीदारी
एनटीपीसी के कार्यकारी निदेशक श्री मोहित भार्गव ने कहा कि इस समझौते से राज्य सरकार के साथ उनके उपक्रम की भागीदारी दूरगामी हित वाली होगी, यह समय के साथ और सशक्त होगी। उन्होंने कहा कि जलवायु परिर्वतन के तहत पेरिस समझौते के तहत भारत ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में कार्य करने के लिए कमिटेड है। उन्होंने इस समझौते को एक नए अध्याय की संज्ञा देते हुए कहा कि एनटीपीसी थर्मल प्रोजेक्ट्स के तहत भी राज्य सरकार के साथ 2200 मेगावाट विद्युत उत्पादन में पार्टनर है। उन्होंने कहा कि हम आने वाले समय में अक्षय ऊर्जा के अन्य क्षेत्रों में भी राजस्थान के साथ मिलकर और कार्य करने के इच्छुक है।