cm Ashok Gehlot
गांधी म्यूजियम एवं खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी का उद्घाटन
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश की जनता ने मुख्यमंत्री के रूप में मुझे बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। मेरा प्रयास है कि मेरी कलम से गरीब, दलित, पिछड़े, मजदूर, किसान सहित हर जरूरतमंद की बिना किसी जाति व धर्म के भेदभाव के मदद की जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जनहित के कार्यों में कोई कमी नहीं रखी जाएगी और हर जरूरतमंद के साथ राज्य सरकार हर समय खड़ी मिलेगी।
श्री गहलोत शनिवार को यहां बजाज नगर स्थित राजस्थान खादी ग्रामोद्योग संस्था संघ परिसर में खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी 2019-20 एवं गांधी म्यूजियम के उद्घाटन के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 2 माह के अल्प समय में अच्छा म्यूजियम बनाया गया है और मुझे उम्मीद है कि इसके माध्यम से गांधीजी के विचारों को हमारी युवा पीढ़ी तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।
गांधीजी का जीवन ही उनका संदेश
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जीवन ही उनका संदेश है। नई पीढ़ी को उनकी जीवनी पढ़ने की आवश्यकता है। गांधीजी के संदेश घर-घर पहुंचे और युवा पीढ़ी तक सत्य, अहिंसा और भाईचारे के उनके विचारों को पहुंचाया जा सके, इसके लिए राज्य सरकार ने 50 करोड़ रूपये का अलग से बजट प्रावधान किया है। हमारा प्रयास है कि एक शानदार संग्रहालय और गांधी आश्रम स्थापित हो, जहां देश-विदेश के पर्यटक आकर गांधीजी के जीवन दर्शन के बारे में ज्यादा से ज्यादा जान सकें।
शांति एवं अहिंसा का संदेश फैलाने के लिए बनाया प्रकोष्ठ
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान सरकार ने शांति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ की स्थापना की है, जिसे आगे चलकर विभाग बनाया जाएगा। इस विभाग के माध्यम से शांति, सद्भाव एवं भाईचारे को बढ़ावा दिया जाएगा। राजस्थान पहला ऎसा राज्य है जिसनेे गांधीजी के शांति, अहिंसा एवं सद्भाव के विचारों को फैलाने के लिए यह प्रकोष्ठ बनाया है।
खादी उत्पादों पर पहली बार 50 प्रतिशत की छूट
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के खादी उत्पादों पर 50 प्रतिशत की छूट दी है। इतनी बड़ी छूट देने का फैसला देश के इतिहास में पहली बार किया गया है ताकि प्रदेश में खादी एवं ग्रामोद्योग से जुड़ी संस्थाओं को मजबूत किया जा सके, खादी का उत्पादन बढ़े और बुनकरों के लिए रोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसर पैदा हो सकें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने खादी के लिए रिवॉल्विंग फण्ड 3 करोड़ रूपये से बढ़ाकर 10 करोड़ कर दिया है। खादी-ग्रामोद्योग से जुड़ी संस्थाओं की अन्य समस्याओं का भी परीक्षण कर उनके समाधान की दिशा में प्रयास किए जाएंगे।
गांधीजी के विचारों को आत्मसात करे युवा पीढ़ी
श्री गहलोत ने कहा कि युवा पीढ़ी को आज गांधीजी के विचारों को आत्मसात करने की सख्त जरूरत है। सोशल मीडिया के माध्यम से कुछ ताकतें हमारी नई पीढ़ी को गुमराह करने के कुत्सित प्रयास कर रही है। ऎसे में सर्वधर्म समभाव के गांधीजी के विचार आज बहुत प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि गांधीजी का व्यक्तित्व और उनके विचारों को खजाना हर व्यक्ति तक पहुंचाने की आज महती आवश्यकता है। हमारा प्रयास है कि प्रदेश में गांधीमय माहौल बने और नई पीढ़ी उनके विचारों से ज्यादा से ज्यादा प्रेरणा ले। उन्होंने कहा कि गांधीजी के विचार प्रदेश के कौने-कौने में पहुंचे, इसके लिए राज्य सरकार ने महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती समारोह को अगले एक वर्ष तक मनाने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र में यूपीए सरकार के समय गांधी जयन्ती यानि 2 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्रसंघ को भेजा गया था, जो वहां सर्वसम्मति से पारित हुआ और आज पूरी दुनिया गांधी जयन्ती को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाती है।
इस अवसर पर राजस्थान खादी ग्रामोद्योग संस्था संघ के अध्यक्ष श्री रामदास शर्मा ने मुख्यमंत्री एवं अन्य अतिथियों का शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया। उन्होंने बताया कि खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में गांधीजी की 150वीं वर्षगांठ को देखते हुए 150 स्टॉल लगाई गई हैं। यह प्रदर्शनी 13 जनवरी, 2020 तक चलेगी। उन्होंने खादी पर अब तक की सर्वाधिक छूट देने एवं खादी के लिए रिवॉल्विंग फण्ड बढ़ाकर 10 करोड़ रूपये करने के लिए मुख्यमंत्री को साधुवाद दिया। अंत में संस्था संघ के मंत्री श्री जवाहरलाल सेठिया ने आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में अतिरिक्त मुख्य सचिव, उद्योग श्री सुबोध अग्रवाल, शांति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ के समन्वयक श्री श्याम सुन्दर बिस्सा, राजस्थान खादी ग्रामोद्योग संस्था संघ के पूर्व अध्यक्ष श्री लक्ष्मीचंद भण्डारी, श्री इन्दुभूषण गोयल, एवं अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने गांधी म्यूजियम का उद्घाटन करने के बाद उसका अवलोकन किया। चन्द्रा इनोवेशन फाउण्डेशन द्वारा तैयार इस म्यूजियम में गांधीजी के शुरूआती दिनों से लेकर उनके अंतिम दिनों तक के घटनाक्रम, उनके दक्षिणी अफ्रीका प्रवास, आजादी के आंदोलन में उनके योगदान सहित गांधीजी के विचारों को भी प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया है। मुख्यमंत्री को फाउण्डेशन के ट्रस्टी श्री पवन पारीक ने म्यूजियम के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

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