-एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों के लिये बनाये प्रोजेक्ट ‘फाइट रेड‘ के लिए, राजस्थान की पहली टीन चेंजमेकर बनी ’अशोका यूथ वेंचरर’
जयपुर। जयपुर की 13 वर्षीय नंदिनी कुच्छल युवाओं के रोल माॅडल के रूप में टीनऐजर सोश्यल इनोवेटर्स में चुनी गई हैं। वे एकमात्र टीनऐजर चेंजमेकर हैं, जिन्हें राजस्थान की पहली ’अशोका यूथ वेंचरर’ के रूप में मान्यता प्रदान की गई है। यह पहल 20 वर्ष से कम आयु के टीनेजर्स के लिए हैं। देशभर में ऐसे 18 ‘टीनऐजर चेंजमेकर्स‘ का ‘अशोका यूथ वेंचरर‘ द्वारा चयन किया गया है, जो सामाजिक चुनौतियों पर शीघ्र एवं प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया देने वाला एक कार्यक्रम है। इसका मानना है कि सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रत्येक युवा को आजादी, आत्मविश्वास एवं सहयोग प्राप्त है।
नंदिनी का चयन उनके वेंचर ‘फाइट रेड‘ के लिए किया गया है। यह प्रोजेक्ट एचआईवी पॉजिटिव लोगों की कैपेसिटी बिल्डिंग के लिए कार्य करता है। इसके द्वारा एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों द्वारा मोमबत्तियां, बैग, ग्रीटिंग कार्ड जैसे अनेक हस्तनिर्मित उत्पाद बनाये जाते है। यह एचआईवी पॉजिटिव लोगों को पैसा कमाने एवं उनमें उपलब्धि की भावना उत्पन्न करने में मदद करता है और इससे उनके आत्मसम्मान को भी बढ़ावा मिलता है। ‘फाइट रेड‘ द्वारा जयपुर के कुछ शैक्षणिक संस्थानों के साथ टाई-अप किया गया है, जहां एचआईवी पॉजिटिव बच्चे स्टूडेंट्स के साथ वार्ता करते हैं। इसके अतिरिक्त ‘फाइट रेड‘ द्वारा लोगों में एचआईवी के प्रति जागरूकता लाने के लिए विभिन्न पृष्ठभूमि एवं क्षेत्रों के लोगों के लिए कार्यशालाओं का आयेाजन भी किया जाता है। अपने चयन से उत्साहित नंदिनी ने कहा कि यह सम्मान राजस्थान के स्टूडेंट्स एवं टीनऐजर्स को चेंजमेकर्स बनने के लिए प्रेरित करने का अवसर साबित होगा। ’चेंजमेकर अभियान’ के लिए जयपुर के स्कूलों एवं युवा समूहों के साथ कार्य करना नंदिनी का उद्देष्य है। नंदिनी की चयन प्रक्रिया तीन चरणों में हुई। इसका अंतिम चरण अशोका यशवीर सिंह ने कहा कि इतनी युवावस्था में ही इस महत्वपूर्ण समस्या की पहचान करने तथा इसका समाधान करने के अपने प्रेरणास्पद प्रयासों के कारण नंदिनी अन्य बच्चों के लिए रोल मॉडल है।