नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी की मुसीबतें बढऩे वाली है। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने आयकर विभाग को जांच के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी की याचिका पर दिए हैं। पटियाला कोर्ट ने स्वामी की आईटी जांच अर्जी को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट आदेश के बाद नेशनल हेराल्ड पेपर को खरीदने वाली सोनिया व राहुल गांधी के अधिकार वाली यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के बहीखातों, लेन-देन की जांच की जाएगी। हाईकोर्ट के आदेश से दोनों नेताओं की मुश्किल बढ़ सकती हैं। हालांकि कांग्रेस ने बयान दिया है कि इससे कांग्रेस व कांग्रेस नेताओं को परेशानी नहीं है। आईटी विभाग की जांच में पक्ष रखा जाएगा। आपत्तियां दर्ज करवाई जाएगी।
– भाजपा नेता स्वामी ने दर्ज कराया मामला
भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने नेशनल हेराल्ड पेपर की खरीद में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा समेत अन्य पर आरोप लगाते हुए केस दर्ज करा रखा है। इस अखबार की नींव आजादी से पहले 1938 में पं.जवाहर लाल नेहरु ने रखी थी। यह अखबार कांग्रेस का मुखपत्र रहा है। 2008 में नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन आर्थिक तंगी के चलते बंद हो गया। तब उसका मालिका हक एसोसिएटेड जर्नल्स कंपनी के पास था। इस कंपनी ने कांग्रेस से 90 करोड़ का लोन भी लिया, लेकिन प्रकाशन शुरु नहीं हो पाया। 2012 में सोनिया गांधी व राहुल गांधी की यंग इंडिया कंपनी ने एसोसिएटेड जर्नल्स कंपनी से सभी मालिकाना हक खरीद लिए। नेशनल हेराल्ड कंपनी के पास देशभर में हजारों करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी बताई जाती है, जो केन्द्र सरकार व राज्य सरकारों ने अखबार चलाने के लिए दी थी। भाजपा नेता स्वामी ने इस अखबार के खरीद-फरोख्त में भारी अनियमितताओं के आरोप लगाते हुए केस दर्ज करवाया था कि करीब डेढ़ हजार करोड़ रुपए की नेशनल हेराल्ड कंपनी का मालिकाना हक को मात्र पचास लाख रुपए में खरीद लिया, जो गलत है।