उन्होंने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में नवोदय विद्यालय के छात्रों के प्रदर्शन की सराहना की और विशेष रूप से आईआईटी-जेईई एडवांस और एनईईटी में नवोदय विद्यालय के छात्रों के शानदार प्रदर्शन की प्रशंसा की। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि एनईईटी में भाग लेने वाले नवोदय विद्यालय के 14183 विद्यार्थियों में से 11875 इस परीक्षा में उत्तीर्ण हुए और 7000 से अधिक छात्र पहले ही विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पा चुके हैं। नवोदय विद्यालय पहले ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के ब्रांड बन गए हैं और हाल की सफलताओं ने इसके ब्रांड में और बढ़ोतरी की है।
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए स्वेच्छा से छात्रों का मार्गदर्शन करने में एनवीएस के कुछ छात्रों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना करते हुए, जावड़ेकर ने एनवीएस के पूर्व छात्रों को इस कार्य में जोड़ने के लिए सोशल मीडिया नेटवर्क का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, कि इससे पूर्व-छात्रों की स्वैच्छिक भागीदारी का आधार व्यापक होगा और विद्यालयों की प्रगति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने नवोदय विद्यालयों के पूर्व छात्रों से अपील की कि वे स्वेच्छा से बड़े पैमाने पर आगे आएं।
जावड़ेकर ने यह इच्छा जाहिर की कि जिन शिक्षकों को छात्रवृति के माध्यम से विदेशों में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता है उनके प्रशिक्षण और उसका प्रणाली में उपयोग करने के बारे में अपनी रिपोर्ट साझा करने के लिए कहा जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि जल और सौर ऊर्जा संचयन को नए भवनों की योजनाओं के प्रस्ताव का एक हिस्सा होना चाहिए।
उन्होंने मौजदा परिसरों में बायो गैस संयंत्रों और जल संचयन की संभावनाओं का पता लगाने के लिए भी कहा। नवोदय विद्यालय समिति के कामकाज की समीक्षा करते हुए उन्होंने समिति को छात्र-शिक्षक साथ रहने, स्कूल परिसर में साथ रहने वाले शिक्षकों और छात्रों के स्वास्थ्य सुधारक सकारात्मक प्रभाव का अध्ययन करने के लिए भी कहा। जावड़ेकर ने पूर्वात्तर क्षेत्र में शिक्षकों के सभी पद भरने में समिति के प्रयासों की भी सराहना की।
मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा, स्कूल शिक्षा सचिव अनिल स्वरूप, मानव संसाधन विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार, नवोदय विद्यालय समिति आयुक्त, अन्य सदस्यों और समिति के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।