विश्वास कुमार की पुण्यतिथि पर व्याख्यान माला
जयपुर। पिंकसिटी प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष, राजस्थान डिस्काॅम के मीडिया सलाहकार व राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार विष्वास कुमार की द्वितीय पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित व्याख्यान माला में सभी वक्ताओं ने सामाजिक आर्थिक व राजनैतिक न्याय व्यवस्था के लिए सरकार व मीडिया को मिलकर रचनात्मक प्रयास करने पर जोर दिया।
पत्रकार विष्वास कुमार की स्मृति में पिंकसिटी प्रेस क्लब के मीडिया सेन्टर में ‘‘वर्तमान सामाजिक-आर्थिक परिदृष्य में मीडिया की भूमिका‘‘ विषय पर मुख्य वक्ता के रूप में राजस्थान उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीष पानाचन्द जैन ने कहा कि स्व. विष्वास कुमार आदर्ष पत्रकारिता के पर्याय थे। उन्होनें कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चैथा स्तम्भ है। आज के वैष्विक माहौल में सामाजिक हित में पत्रकारिता करने की जरुरत है।
वरिष्ठ पत्रकार मिलापचन्द डांडिया ने व्याख्यान माला के अध्यक्षीय भाषण में कहा कि विष्वास कुमार सामाजिक हित में पत्रकारिता करने वाले पत्रकार थे। आज की पीढ़ी के पत्रकारों को उनकी राह पर चलना चाहिए, तभी पत्रकारिता का स्तर ऊंचा उठ सकता है। उन्होनें पीत पत्रकारिता की आलोचना की। वरिष्ठ पत्रकार जयसिंह कोठारी ने कहा कि आज की पत्रकारिता में नवीन विचारों का समावेष करने की आवष्यकता है। तथा वर्तमान के आर्थिक हालातों को देखते हुए पत्रकारों को जनहित में सटीक खबरों का चयन करना चाहिए। पूर्व आईएएस सत्यनारायण सिंह ने विष्वास कुमार के साथ अपने अनुभवों को सांझा करते हुए कहा कि उन्होनें राजस्थान की पत्रकारिता को एक नई दिषा दी आज के दौर में विष्वास कुमार जैसे पत्रकारों की आवष्यकता है।
वरिष्ठ पत्रकार जगदीष शर्मा ने व्याख्यान माला के विषय पर प्रकाष डालते हुए कहा कि मैनें विष्वास कुमार के साथ कई वर्षों तक पत्रकारिता की है। उन्होनें पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले चार दषक में अनेक खबरों से हलचल मचाई। वे सार्थक और सारगर्भित पत्रकारिता करते थे, उन्होंने पत्रकारिता के नए आयाम कायम किए जिन्हें तोड़ पाना मुष्किल है।
पिंकसिटी प्रेस क्लब अध्यक्ष अभय जोषी ने इस मौके पर सभी आगन्तुकों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि विष्वास कुमार नई युवा पीढ़ी के पत्रकारों के लिए एक आदर्ष थे। वरिष्ठ पत्रकार व बीसीसी राजस्थान के ब्यूरों चीफ नारायण बारहठ ने कार्यक्रम का संचालन किया उन्होनें कहा कि सोष्यल मीडिया के रूप में आज के पत्रकारों के सामने बड़ी चुनौती है। इन चुनौतियों का सामना विष्वास कुमार के पद चिन्हों पर चलकर किया जा सकता है।