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बार्सिलोना, भारती एयरटेल के प्रमुख तथा जीएसएम एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील मित्तल ने दूरसंचार सेवाओं के विस्तार और के लिए साझे नेटवर्क की जरूरत जताई है लेकिन माना है कि ‘खुद के नेटवर्क को प्रतिस्पर्धी में अपनी बढ़त में सहायक मानने वाली कंपनियां’ इसका विरोध करेंगी। यहां मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस (एमडब्ल्यूसी) 2018 को संबोधित करते हुए मित्तल ने समानांतर व ‘निम्न दर्जे’ के नेटवर्क पर अरबों डालर खर्च करने के प्रति आगाह करते कहा कि दर्जन भर दूरसंचार कंपनियां रखने का भारत का प्रयोग पूरी तरह गलत रहा और बाजार अब चार कंपनियों पर केंद्रित हो रहा है।उन्होंने कहा, ‘अगर आप स्वतंत्र नेटवर्क कंपनी (नेटको) लाते हैं जो कि किसी टावर या समुद्री केबल समूह की तरह ही है जहां किसी एक व्यक्ति का प्रभाव नहीं होता, तो मुझे लगता है कि हम अंतिम उपयोक्ता तक सेवा पहुंचा सकते हैं जिस इस दायरे में लाने की जद्दोजहद चल रही है। नेटको के उनके विचार पर प्रगति के बारे में पूछे जाने पर मित्तल ने कहा कि उद्योग समुद्री केवल व टावर बुनियादी ढांचे समूह के लिए साथ आ रहा है जो कि प्र​गति है, दूरसंचार नेटवर्क को अब भी प्रतिस्पर्धी फायदा माना जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘कल इस उद्योग की एक बहुत ही प्रमुख हस्ती, एक बड़ी कंपनी के सीईओ ने कहा… मुझे अपने नेटवर्क का फायदा चाहिए और अगर मैं साझे नेटवर्क पर जाता हूं तो मेरा फायदा कहां है?’ मित्तल ने कहा कि मुझे लगता है कि अभी इस तरह का प्रतिरोध है। मित्तल ने कहा कि हालांकि नेटको के उनके विचार पर अभी चर्चा हो रही है और वह जीएसएम जीएसएमए के अध्यक्ष के रूप में अपने एजेंडे पर जोर देते रहेंगे। एकीकरण व सुदृढीकरण की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि ‘समानांतर व निम्न दर्जे’ के नेटवर्क पर अरबों डालर बर्बाद नहीं किए जा सकते।

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