जयपुर, राजस्थान विधानसभा में आज गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि प्रदेश में हुक्काबार पर कार्रवाई करने के लिये कानून में संशोधन करने की जरूरत है। शून्यकाल के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए कटारिया ने कहा कि हुक्काबार पर कार्रवाई के लिये कानून में संशोधन करने की आवश्यकता है और इसे सिगरेट और बीडी जैसे कानून के प्रावधानों के दायरे में लाने का प्रयास किया जायेगा। कटारिया ने हुक्काबार के नशे की ओर युवा पीढ़ी के बढ़ते चलन पर चिंता व्यक्त की है। सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम 2003 के तहत सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट पीना प्रतिबंधित है। कानून के तहत होटल, रेस्टोरेंट, और हवाई अड्डों पर स्मोकिंग जोन बनाने के प्रावधान है, लेकिन इन प्रावधानों का हुक्काबार के जरिये गलत उपयोग किया जा रहा है।
निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल और कांग्रेस विधायक प्रद्युमन सिंह की ओर से उठाये गये मुद्दे पर गृहमंत्री ने सदन को बताया कि पिछले वर्ष जयपुर में दर्ज 14 मामलों के मुकाबले वर्ष 2017 में जयपुर मे 62 मामले दर्ज किये गये। वहीं जोधपुर में 3 मामलों के मुकाबले वर्ष 2017 में दो मामले दर्ज किये गये। अजमेर में पिछले वर्ष तीन मामलों के मुकाबले वर्ष 2017 में 31 मामले दर्ज किये गये हैं। कटारिया ने बताया कि सीआरपीसी की धारा 144 और भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत हुक्का बार के खिलाफ मामले दर्ज किये जाते हैं लेकिन ये अपराध जमानती होता है। अदालत के एक निर्णय के बाद ऐसे अपराधों को सीआरपीसी की धारा 144 के तहत दर्ज नहीं किया जा सकता।