नई दिल्ली। आज बाल दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में शशि थरूर ने एक बार फिर मोदी को घेरा। थरूर अपने किसी भी कार्यक्रम में मोदी पर टिप्पणी करने से नहीं चुकते हैं, और बातों-बातों में ऐसा कुछ कह जाते हैं कि जिससे विवाद बढ़ जाता है और मीडिया की सुर्खियां बन जाती है। अबकी बार उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. पं. जवाहर लाल नेहरू के बहाने मोदी पर निशाना सादा है। इस बार उन्होंने जवाहर लाल नेहरू के बहाने पीएम मोदी पर ‘चायवाला’ तंज कसा है। दिल्ली में मंगलवार को आयोजित एक कार्यक्रम में थरूर ने कहा कि अगर आज एक चायवाला प्रधानमंत्री है तो यह नेहरू की देन है। अपनी किताब ‘नेहरू: द इन्वेंशन आॅफ इंडिया’ के रीलॉन्च कार्यक्रम में थरूर ने कहा, ‘अगर आज एक चायवाला प्रधानमंत्री है तो यह नेहरूजी की वजह से संभव हुआ। उन्होंने ऐसा संस्थागत ढांचा तैयार किया जिससे कोई भी भारतीय देश के सर्वोच्च पद तक पहुंचने की आकांक्षा रख सकता है।’ थरूर ने कहा कि नेहरू ने हमेशा इस विचार को आगे रखा कि देश किसी व्यक्ति से महत्वपूर्ण है और संस्थाओं का सम्मान होना चाहिए।
ऐसा पहली बार नहीं है, जब थरूर ने प्रधानमंत्री मोदी पर तीखा जुबानी हमला किया है। पिछले महीने उन्होंने आरएसएस के एक अनाम सूत्र के हवाले से प्रधानमंत्री मोदी की तुलना शिवलिंग पर बैठे बिच्छू से की थी। बेंगलुरु लिटरेचर फेस्टिवल में शशि थरूर ने कहा था, ‘एक असाधारण रूपक है जिसका जिक्र आरएसएस के अनाम सूत्र ने एक जर्नलिस्ट से किया था। उसने कहा था कि मोदी शिवलिंग पर बैठे उस बिच्छू की तरह हैं, जिसे आप हाथ से हटा भी नहीं सकते और न ही चप्पल से मार सकते हैं।’ थरूर के इस बयान पर काफी विवाद हुआ था।
थरूर की किताब के रीलॉन्च कार्यक्रम में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल हुईं। इस मौके पर उन्होंने मोदी सरकार पर हमला बोला और कहा कि आज नेहरू की विरासत को कमतर करने की कोशिश हो रही है। आधुनिक भारत के निर्माण में देश के प्रथम प्रधानमंत्री के योगदान को याद करते हुए सोनिया ने यह भी कहा कि नेहरू ने जिन लोकतांत्रिक मूल्यों को आगे बढ़ाया, आज उनको चुनौती दी जा रही है।
सोनिया ने कहा, ‘प्रधानमंत्री के तौर पर पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लोकतंत्र को मजबूत किया और भारत की राजनीतिक व्यवस्था को समृद्ध बनाने का भी काम किया। आज हम इन्हीं मूल्यों पर गर्व करते हैं।’ उन्होंने कहा कि नेहरू ने जिन लोकतांत्रिक मूल्यों को आगे बढ़ाया था, आज उससे जुड़ी विरासत को कमतर करने का प्रयास हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमें अपने लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्धता के साथ उन लोगों से लड़ना होगा जो (नेहरू की विरासत को) कमतर करने की कोशिश कर रहे हैं।’