-पं. नेहरू की 130वीं जयंती पर जेकेके में संगोष्ठी
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आज देश जिस दिशा में जा रहा है वह हर नागरिक के लिये चिंता का विषय है। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं.जवाहर लाल नेहरू के आधुनिक भारत के निर्माण में किये गये योगदान के बारे में जानकारी नई पीढी तक पहुंचाने की बजाय ऎसे व्यक्तित्व की छवि खराब करने की कोशिशें की जा रही हैं।
श्री गहलोत गुरूवार को जवाहर कला केन्द्र में पं. जवाहरलाल नेहरू की 130वीं जयंती पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पं. नेहरू दूरदृष्टि रखते थे। प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने देश को विकास के पथ पर अग्रसर करने के लिये कई कदम उठाये। उन्होंने आईआईटी की स्थापना की, इस्पात के कारखाने लगाए, बडे-बडे बांध बनवाये और उन्हेें आधुनिक मंदिर का नाम दिया। उनकी दूरदृष्टि का फायदा आज देश को मिल रहा है। आज देश यहां तक पहुंचा है तो इसमें पं. नेहरू का बहुत बडा योगदान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आजादी के लिये पं. नेहरू ने भी लंबा संघर्ष किया और जेल में भी बंद रहे। देश आजाद होने के बाद वे प्रधानमंत्री बने और लम्बे समय तक मुल्क को तरक्की की राह पर आगे ले जाने का काम किया। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने गुटनिरपेक्ष संगठन बनाकर अपनी धाक जमाई और हमारी संस्कृति एवं संस्कारों के बारे में दुनिया को अवगत कराया। आज सोशल मीडिया के माघ्यम से ऎसे व्यक्तित्व के बारे में युवाओं को गुमराह किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पं. नेहरू के व्यक्तित्व और कृतित्व को सही तरीके से हमारी नई पीढी तक पहुंचाया जा सके इसके लिये राज्य सरकार पं. जवाहरलाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी की स्थापना कर रही है।
संगोष्ठी में मुख्य वक्ता इतिहासकार सैयद इरफान हबीब ने कहा कि पं. नेहरू को समझने के लिये हमें आजादी के समय के परिपे्रक्ष्य को समझना होगा। जब वे देश के प्रधानमंत्री बने तब देश निर्माण में कई चुनौतियां सामने थी। बाहर के देशों पर भारत की निर्भरता कम करने के लिये यहां उत्पादन बढाने की जरूरत थी। 17 साल के उनके प्रधानमंत्री काल में उन्होंने अपनी दूरदृष्टि के कारण देश की मजबूत बुनियाद रखी। आज देश जिस मुकाम पर है उसकी आधारशिला पं. नेहरू जी ने रखी है। उन्होंने कहा कि इतिहास को कई बार वर्तमान परिप्रेक्ष्य में देखकर भी समझना पडता है। पं. जवाहरलाल नेहरू द्वारा देश के निर्माण में दिये गये योगदान को आज नकारने की कोशिशें की जा रही है, जबकि नेहरू सुझबूझ वाले और अन्तर्राष्ट्रीय सोच रखने वाले व्यक्ति थे।
संगोष्ठी के दूसरे सत्र के वक्ता डॉ. आलोक श्रीवास्तव ने भी आधुनिक भारत के निर्माण में पं. जवाहरलाल नेहरू के योगदान पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में समन्वयक की भूमिका डॉ. दुर्गाप्रसाद अग्रवाल ने निभाई।
कार्यक्रम में सूचना एवं जनसम्पर्क मंत्री डॉ. रघु शर्मा, जवाहर कला केन्द्र की निदेशक श्रीमती किरण सोनी गुप्ता, प्रमुख शासन सचिव कला एवं संस्कृति श्रीमती श्रेया गुहा, जनप्रतिनिधि एवं गणमान्यजन उपस्थित थे।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने संगोष्ठी के मुख्य वक्ता इतिहासकार सैयद इरफान हबीब एवं दूसरे वक्ता डॉ. आलोक श्रीवास्तव का उपरना ओढाकर सम्मान किया।