new-industrial-policy-will-replace-india-as-global-head-of-fourth-industrial-revolution-technologies-lord

नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग तथा नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने नई दिल्ली में जिनेवा स्थित विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के द्वारा भारत के चौथे औद्योगिक क्रांति केंद्र के उदघाटन अवसर अपने संबोधन में कहा कि भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय द्वारा सभी मंत्रालयों, राज्य सरकारों, उद्योग और हितधारकों के परामर्श से तैयार की गई नई औद्योगिक नीति इस श्रृंखला की उभरती हुई प्रौद्योगिकियों के साथ भारत को संरेखित करने के मामले में सरकार की प्रतिबद्धता को दशार्ती है। सुरेश प्रभु ने कहा कि यह नीति चौथी औद्योगिक क्रांति प्रौद्योगिकियों के साथ भारत के समक्ष आने वाली चुनौतियों और अवसरों के अनुरूप है और देश को वैश्विक आपूर्ति और मूल्य श्रृंखला के मामले में मजबूती प्रदान करेगी।

सुरेश प्रभु ने कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति डिजिटल प्रौद्योगिकी के द्वारा संचालित है और इस मामले में भारत शासन के हर क्षेत्र में डिजिटल प्रौद्योगिकी को अपनाने के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि यह देश को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण रूप से आगे ले जाने में मदद करेगी। प्रभु ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा हाल ही में शुभारंभ की गई डिजी यात्रा का उदाहरण देते हुए कहा कि यह भारतीय समाज को डिजिटल रूप में बदलने के संदर्भ में भारत की अभिकल्पना का एक सशक्त उदाहरण है। डब्ल्यूईएफ महाराष्ट्र में चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए एक केंद्र की स्थापना कर रहा है। इसके अन्य केंद्र सैन फ्रांसिस्को, अमरीका, जापान और चीन में हैं। भारत में इस केंद्र की पहली तीन परियोजनाएं कृत्रिम आसूचना, ब्लॉक श्रृंखला और ड्रोन हैं। डब्ल्यूईएफ इन परियोजनाओं में नीति आयोग, व्यापारिक, अकादमिक प्रमुखों और स्टार्ट-अप के सहयोग से कार्य करेगा।

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