Kashmiri Muslim protesters run for cover as a tear gas shell fired by Indian policemen explodes near them in Srinagar, Indian controlled Kashmir, Monday, July 11, 2016. Indian authorities were struggling Monday to contain protests by Kashmiris angry after several people were killed in weekend demonstrations, as youths defied a curfew to rally in the streets against the killing of a top anti-India rebel leader. (AP Photo/Dar Yasin)

delhi.केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के जम्‍मू कश्‍मीर दौरे के मौके पर 4.5 जुलाई को हुई समीक्षा बैठक के अनुरूप राज्‍य सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं। इनमें सबसे प्रमुख फैसला स्‍थानीय निकाय चुनाव कराना था जो अभी चल रहे हैं। केन्‍द्र सरकार चुनावों के सुचारू संचालन के लिए पर्याप्‍त संख्‍या में केन्‍द्रीय बलों की तैनाती के साथ राज्‍य सरकार को हर संभव मदद उपलब्‍ध करा रही है।

स्‍थानीय निकाय चुनाव

कई पहलुओं से इन स्थानीय निकाय चुनावों का ऐतिहासिक महत्व होगा। ये चुनाव जम्मू.कश्मीर में जमीनी स्तर पर उस लोकंतात्रिक व्‍यवस्‍था को फिर से स्थापित करेंगे जिनकी लंबे समय से प्रतीक्षा की जा रही थी। शहरी स्थानीय निकाय चुनाव 2005 के बाद और पंचायत चुनाव 2011 के बाद आयोजित किए जा रहे हैं। पंचायतों के सरपंचों के लिए प्रत्यक्ष चुनावों का प्रावधान जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए बहाल कर दिया गया है। इन चुनावों के जरिए विधिवत गठित स्थानीय निकायों के लिए चौदहवें वित्‍त आयोग द्वारा लगभग 4ए335 करोड़ रूपए के केंद्रीय अनुदान का रास्‍ता साफ हो जाएगा। चुनाव नहीं होने से जम्मू.कश्मीर के लोग उनके कल्याण के लिए मिलने वाली इस सहायता से वंचित हो जाते।

संविधान के 73 वें संशोधन के तहत पंचायतों को स्थानांतरित सभी 29 विषयों से संबधित कार्यों और पदाधिकारियों को भी जम्मू.कश्मीर के पंचायतों में स्थानांतरित किया जाएगा। ऐसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रए प्राथमिक विद्यालय और आंगनवाड़ी जैसे केन्‍द्रों में भी किया जाएगा। पंचायतों की वित्तीय शक्तियां 10 हजार रुपये से 10 गुना बढ़ाकर 1 लाख रुपये की जा रही हैं। ब्लॉक काउंसिल के लिए इसे 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 2ण्5 लाख रुपये किया जा रहा है। पंचायतों को ष्अपने स्‍तर पर धन राशि जुटाने की शक्तियां भी दी जा रही हैं। इनमें भवन शुल्‍कए मंनोरंजन करए विज्ञापनए होर्डिंग तथा विभिन्‍न प्रकार के व्‍यवसाय और पेशों से वसूल किए जाने वाली आय शामिल होगी। केन्‍द्र और राज्‍य सरकार की ओर से मनरेगाए प्रधांन मंत्री आवास योजनाए एकीकृत बाल विकास सेवा और मध्‍यान्‍ह भोजन आदि जैसी योजनाओं के तहत मिलने वाली वित्‍तीय मदद पंचायतों द्वारा अपने स्‍तर पर जुटाई गयी राशि की पूरक बनेंगी।

विभिन योजनाओं के लिए लाभार्थियों की पहचान के अलावा पंचायतों को राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशनए समग्र शिक्षाए बागवानी विकासए कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के क्रियान्‍वयन से भी जोड़ा जाएगा। इन योजनाओं को लागू करने के लिए औसतन प्रत्‍येक पंचायत को प्रति वर्ष 50.80 लाख रुपए दिए जाएंगे। पंचायतों को और मजबूत बनाने के लिए एकाउंटेंटए डाटा एन्ट्री ऑपरेटर और ब्‍लॉक पंचायत इंस्‍पेक्टर आदि के अतिरिक्‍त पदों को मंजूरी दी जा रही है

लेह और करगिल स्‍वायत्‍त पर्वतीय विकास परिषद

लेह और करगिल स्‍वायत्‍त पर्वतीय विकास परिषदों को ज्‍यादा शक्तियां देकर और मजबूत बनाया जा रहा है ताकि वे लद्दाख क्षेत्र के दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों की विभिन्‍न समस्‍याओं का समाधान कर सके। परिषद को स्थानीय स्‍तर पर कर लगाने और वसूल करने की अतिरिक्‍त शक्तियां भी दी गई हैं।

लेह और करगिल स्‍वायत्‍त पर्वतीय विकास परिषदों द्वारा बनाए गए सार्वजनिक भवनए सड़कें आदि पूरी तरह से अब उसकी संपत्ति होगी। इन परिषदों को राज्‍य के बजट से आवंटित धनराशि को अगले वर्ष भी इस्‍तेमाल भी किया जा सकेगा। लेह और करगिल की पंचायतों को इन परिषदों के दिशा.निर्देंशों का पालन करना होगा। मुख्‍य कार्यकारी पार्षद सभी पर्यटन विकास प्राधिकरणों के अध्‍यक्ष भी होंगे। इन परिषदों के बेहतर संचालन के लिए उपाध्‍यक्ष भी होंगे।

विशेष पुलिस अधिकारी

गृह मंत्रालय ने आतंकवाद रोधी अभियानों में अहम भूमिका निभाने वाले विशेष पुलिस अधिकारियों ;एसपीओद्ध का मानदेय पांच वर्ष की सेवा पूरी करने पर मौजूदा छह हजार प्रतिमाह से बढ़ाकर 9000 रूपये तथा 15 वर्ष की सेवा पूरी करने पर 12000 रूपये प्रतिमाह कर दिया है।

जम्‍मू कश्‍मीर में पश्चिम पाकिस्‍तान से आए शरणार्थियेां के लिए वित्‍तीय मदद

गृह मंत्रालय ने पश्चिमी पाकिस्‍तान से आकर जम्‍मू कश्‍मीर में बसे 5ए764 शरणार्थियों के लिए 5ण्5 लाख रूपये की वित्‍तीय मदद को मंजूरी दे दी है। पात्र लाभार्थियों को यह राशि सीधे उनके बैंक खातों में भेज दी जाएगी। राज्य सरकार ने सभी पात्र लाभार्थियों को राशि के प्रभावी और त्वरित वितरण के लिए नोडल अधिकारी के रूप में जम्‍मू के मंडल आयुक्त को नामित किया है।

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