जयपुर। जयपुर विकास प्राधिकरण आयुक्त टी.रविकान्त की अध्यक्षता में गत दिनों आयोजित बैठक में लिये गये निर्णयानुसार जविप्रा के नाम दर्ज समस्त राजकीय भूमियों, 90बी एवं 90ए के माध्यम से जविप्रा को समर्पित एवं जविप्रा के नाम दर्ज भूमि, प्राधिकरण क्षेत्राधिकार में अनुमोदित विभिन्न आवासीय वाणिज्यिक, संस्थानिक जविप्रा की योजनायें, निजी खातेदारी की आवासीय योजनाओं, सहकारी समिति की आवसीय योजनाओं के अनुमोदित मानचित्र में दर्शाये भूखण्ड, सुविधा क्षेत्रों इत्यादि का इकजाई डेटा न्यू लैण्ड बैंक दिनांक 30 नवम्बर तक तैयार करने का निर्णय लिया है। लैंण्ड बैंक कार्य के लिए संयुक्त आयुक्त (संसाधन विकास एवं समन्वय) श्री गिरिराज अग्रवाल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
जेडीए द्वारा एकत्रित डेटा अनुसार जविप्रा क्षेत्र में स्थित 710 राजस्व ग्रामों में से 240 ग्रामों के लगभग 1600 खसरों की 30,000 राजकीय भूमि (7500 हैक्टयर) चिन्हित की जा चुकी है। जेडीए के वरिष्ठ 44 अधिकारी 1600 खसरों की प्रतिमाह उन्हे आवंटित खसरों का व्यक्तिशः मौका निरीक्षण कर राजकीय भूमि की जिओ लोकेशन कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर पर दर्ज करेंगे। राजकीय भूमियों पर अतिक्रमण की रिपोर्ट ऑटो जनरेट होकर पुलिस अधिक्षक (प्रवर्तन) एवं संबंधित जोन उपायुक्तों के कम्प्यूटर पर नियमित प्रदर्शित होगी। जिनके द्वारा नियमित अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जावेगी।
वर्ष 1999 से 90बी एवं वर्ष 2009 से 90ए के माध्यम से जविप्रा के नाम समर्पित भूमियाें को भी लैण्ड बैंक में प्रदर्शित किया जावेगा। समस्त जोन्स् के डीटीपीध्एटीपी उनके जोन में अनुमोदित जविप्रा, निजी खातेदारी, सहकारी समिति की अनुमोदित योजनाओं के भूखण्डों, सुविधा क्षेत्रों इत्यादि का डिजीटल डेटा इस हेतु विकसित सॉफ्टवेयर पर फीड कर प्रमाणित करेंगे।
जेडीए के सी.पी.आर.एम.एस. (CPRMS) Centralised Property Records Management System में अब तक लगभग 5,00,000 (पॉच लाख) अनुमोदित भूखण्डों का डेटा फीड कर पब्लिक डोमिन में डाला जा चुका है। जिसे भी न्यू लैण्ड बैंक का भाग बनाया जावेगा। एक बार न्यू लैंण्ड बैंक तैयार होने पर प्राधिकरण के नाम दर्ज समस्त राजकीय भूमियों का नियमित निरीक्षण कर सुरक्षा संभव होगी। साथ ही उपयुक्त राजकीय भूमि की प्लानिंग कर मास्टर प्लान में निर्धारित उपयोग के अनुसार योजना बनाकर अथवा नीलामी द्वारा निस्तारण किया जा सकेगा।
90बी व 90ए के माध्यम से निःशुल्क समर्पित भूमियों का लेखा जोखा तैयार कर मास्टर प्लान, सेक्टर प्लान एवं जोनल प्लान की सडकों के निर्माण को गति मिल सकेगी। जविप्रा की समस्त योजनाओं में रिक्त भूखण्डों की सूची तैयार होने पर ऎसेे भूखण्डों का निस्तारण कर राजस्व आय बढेगी तथा निजी खातेदारी एवं सहकारी समिति की अनुमोदित योजना के जो भूखण्डधारी अभी तक नियमन से वंचित है। ऎसे भूखण्डों को चिन्हित कर नियमन शिविर लगाकर उन्हें राहत दी जा सकेगी।