जबलपुर। रेलवे का नया फंडा सिनियर सिटीजन से अनुरोध करेगा की वह उनको मिलने छूट को बंद कर दे या उसे उसमें कमी करे। यह सब गैस सब्सिडी की तर्ज पर होगा। जिसमें काउंटर पर रिजर्वेशन टिकट लेने वाले सीनियर सिटीजन को रियायत छोड़ने रिजर्वेशन फार्म पर जानकारी देनी होगी, लेकिन खासबात यह है कि रेलवे द्वारा जनप्रतिनिधियों को दी जा रही रियायत या मुफ्त टिकट में कोई बदलाव नहीं होगा।
इसको लेकर एक बार फिर रेलवे की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं। हालांकि कुछ राजनेता चाहते हैं कि रेलवे इस पर विचार करे तो वे भी सहयोग करेंगे। रिजर्वेशन टिकट पर रेलवे एक या दो नहीं बल्कि 268 तरह की रियायत देता है। इनमें सीनियर सिटीजन से लेकर पुलिस, फौज, बीमारी, रेलवे अधिकारी, कर्मचारी, नेता, स्वतंत्रता संग्राम, विद्यार्थी, खिलाड़ी जैसी कई रियायत शामिल हैं। रेलवे के जानकार मानते हैं कि 24 घंटे में होने वाली रिजर्वेशन में तकरीबन 10 से 15 फीसदी टिकटें रियायत से बनती हैं। जबलपुर स्टेशन में 24 घंटे में तकरीबन 3 हजार रिजर्वेशन होते हैं, जिसमें 300 से 350 के बीच रिजर्वेशन या कोई रियायत के माध्यम से बनवाई जाती हैं या फिर जनप्रतिनिधियों को मिलने वाली नि:शुल्क टिकटें होती हैं।