New technology for early detection of breast cancer

नयी दिल्ली। भारत में स्तन कैंसर के बढ़ते मामलों के बीच पिछले कुछ समय में चिकित्सा विज्ञान में नये प्रयोगों के साथ इस रोग की पहचान और इसके उपचार में बेहद प्रगति हुई है। इसी श्रेणी में एक निजी कंपनी ने ऐसी मशीन बनाने का दावा किया है जिससे परंपरागत मैमोग्राफी की तुलना में अधिक सरल तरीके से रोग की पहचान की जा सकती है। हेल्थकेयर टेक्नोलॉजीस और अन्य तकनीकी उत्पाद बनाने वाली फ्यूजीफिल्म इंडिया ने 50 माइक्रॉन 3डी मैमोग्राफी मशीन का विकास किया है और 50 संस्थानों में इस मशीन को लगाया है। कंपनी ने दावा किया है कि ये स्तन कैंसर की पहचान करने वाली उन्नत मशीनें हैं और इससे महिलाओं में शुरूआती अवस्था में ब्रेस्ट कैंसर की पहचान संभव है। कंपनी ने एक विज्ञप्ति में बताया कि फ्यूजीफिल्म की एडवांस्ड टोमोसिंथेसिस तकनीक ब्रेस्ट की आंतरिक संरचना को दर्शाती है और इस तरह के कैंसर की पहचान करना मैमोग्राफी की तुलना में सरल हो जाता है।

फ्यूजीफिल्म इंडिया के मेडिकल विभाग के प्रमुख चंद्रशेखर सिब्बल के हवाले से विज्ञप्ति में कहा गया कि कैंसर की पहचान शुरूआती अवस्था में ही कर ली जाए, तो यह आधी लड़ाई जीत लेने की तरह है। शुरूआती अवस्था में ही कैंसर का पता चल जाने से उसके उपचार और रोगी के लंबे समय तक जीने की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि अक्तूबर महीना ‘स्तन कैंसर जागरुकता दिवस’ के तौर पर मनाया जाता है और इस लिहाज से इस नयी तकनीक की बात करना और अधिक प्रासंगिक हो जाता है। उन्होंने कहा कि उनकी मशीनों में थर्मल इमेजेज पर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का भी इस्तेमाल किया जाता है, ताकि ब्रेस्ट कैंसर की शुरूआती अवस्था में पहचान करना संभव हो पाये। 50 माइक्रॉन पिक्सेल रिजाल्युशन और अन्य उन्नत तकनीकी सुविधायें इस प्रणाली को दूसरों से अलग बनाती हैं।

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