New Tobacco, Wonders, Policy, withdrawn, immediately
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जयपुर। भारत एवं राजस्थान सरकार की ओर से लागू की गई नई तम्बाकू वेण्डर्स पॉलिसी के विरोध में फैडरेशन ऑफ रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इण्डिया तथा पिंकसिटी पान मर्चेन्ट संस्था की ओर से यूथ हॉस्टल पर प्रदर्शन कर इस पॉलिसी को वापस लेने की मांग की गई। इसमें जयपुर के साथ ही देश के विभिन्न स्थानों से आए फुटकर तम्बाकू उत्पाद विक्रेताओं ने शामिल होकर सरकार की इस नीति का विरोध किया और भाजपा प्रदेश मुख्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम इस नई तम्बाकू वेण्डर्स पॉलिसी को तत्काल प्रभाव से रद्द किए जाने का मांग पत्र कार्यालय प्रभारी मुकेश दाधीच को सौंपा। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने आदेश जारी किया था जिसमें फुटकर विक्रेता पान.बीड़ी.सिगरेट एवं तम्बाकू उत्पाद की दुकानों पर अन्य सामग्री जैसे कि ब्रेडए कोल्ड ड्रिंक्सए अण्डेए शैम्पूए चाय.कॉफीए बिस्किटए कन्फेक्शनरी उत्पाद नहीं बेच सकेंगेए दुकानों के भीतर तम्बाकू उत्पादों का विज्ञापन नहीं कर सकेंगे तथा उन दुकानों के लिए लाईसेन्स की अनिवार्यता के साथ वहां केवल तम्बाकू उत्पाद ही बेचे जाने की सख्ती की गई है। ऐसी स्थिति में फुटकर विक्रेताओं की दैनिक आय प्रभावित हो रही है तथा उनके समक्ष आजीविका चलाने का संकट उत्पन्न हो गया है।

पिंकसिटी पान मर्चेन्ट संस्था के अध्यक्ष एवं फैडरेशन ऑफ रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इण्डिया के सदस्य गुलाब चंद खोड़ा ने मीडिया को बताया कि केन्द्र सरकार ने राज्य सरकारों को तंबाकू उत्पाद बेचने के लिए अनुमति अनिवार्य करने और तम्बाकू उत्पादों के साथ अन्य उत्पादों की बिक्री की अनुमति नहीं दिए जाने का सुझाव दिया था। सूक्षम खुदरा विक्रेता एवं उनके परिवार छोटी दुकानों और कियोस्क से रोजाना उपयोग के उत्पाद जैसे कि बिस्किटए कन्फेक्शनरीए पैनए बीड़ी.सिगरेटए ज्यूस और कोल्ड ड्रिंक्सए शैम्पूए खाना बनाने के मसालेए चाय.कॉफीए छोटे साबुनए स्नैक्स आदि बेचकर बड़ी मुश्किल से अपनी आजीविका चलाते हैं। इन वस्तुओं की बिक्री प्रतिबंधित होने से हमें आजीविका चलाना मुश्किल हो गया है। नई तम्बाकू वेण्डर्स पॉलिसी लागू होने से खुदरा विक्रेता उन उत्पादों को बेचने का विकल्प चुन रहे हैंए जिससे वे अधिकतम आय प्राप्त करते हैए लेकिन यह नियम खुदरा विक्रेताओं को तम्बाकू उत्पादों का चयन करने पर मजबूर कर रहा हैए जिससे अन्य उत्पादों को बेचने के विकल्प से दूर होकर वे तम्बाकू पर अधिक निर्भर हो रहे हैं। नई तम्बाकू वेण्डर्स पॉलिसी के कारण हमारे व्यवसाय करने की लागत में बढ़ोतरी हो गई है तथा हमारी आय में 40 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। ऐसी स्थिति में हम बेरोजगारी के कगार पर खड़े हैं तथा हमारे परिवार के सदस्यों का भी रोजगार प्रभावित हो रहा है। गुलाब चंद खोड़ा के अनुसार कोटपा अधिनियम के अन्तर्गत तम्बाकू बेचने वाली दुकानों के प्रवेश द्वार एवं भीतर विज्ञापन की अनुमति हैंए लेकिन इस कानून के बावजूद तम्बाकू विक्रय स्थलों और कियोस्क के भीतर विज्ञापन पर प्रतिबंध कर प्रस्ताव लागू किया जा रहा हैए जो कि हमारे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। भविष्य में सरकारी अधिकारियों द्वारा इन विज्ञापनों को हटाने की कार्यवाही कर हमारे फुटकर व्यापारियों को परेशान किया जाएगा।

गुलाब चंद खोड़ा के अनुसार विभिन्न गैर सरकारी संगठनों एवं एनजीओ नए नियमों को लागू करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों पर दबाव डाल रहे हैं। इन गैर सरकारी संगठनों को बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा वित्त पोषित किया गया हैए जो देश में लाखों छोटे दुकानदारों और खुदरा दुकानों को हटा देना चाहते हैं तथा इस व्यापार को आधुनिक सुपरमार्केट और मॉल को सौंपना चाहते हैं। तम्बाकू उत्पादों पर बड़ी चेतावनियां और अत्यधिक कराधान ने तस्करी वाले उत्पादों की बिक्री को बढ़ा दिया हैए जो नियमों का पालन नहीं करते हैं। अधिक विनियमन के कारण कानूनी उत्पादों की लागत बढ़ने से अवैध तम्बाकू उत्पादों की मांग अधिक बढ़ेगी।

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