नयी दिल्ली। द्वारका में एक प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी एवं सम्मेलन केंद्र के निर्माण के लिए कथित रूप से 1,000 से ज्यादा पेड़ काटने का मामला राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की निगरानी में आ गया है और इसने मामले को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार के नेतृत्व वाली एक पीठ ने 26,000 करोड़ रुपये की निर्माण परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई का आरोप लगाने वाली याचिका पर पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, आप सरकार, दिल्ली मुंबई औद्योगिक गलियारा विकास निगम और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति को नोटिस भेजे।
पीठ में न्यायमूर्ति जवाद रहीम भी शामिल थे। पीठ ने पक्षों से 10 दिन में अपना जवाब दायर करने को कहा और मामले में सुनवाई 11 दिसंबर तय कर दी। अधिकरण शहर के निवासी शोभित चौहान द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें पेड़ों को काटे जाने से बचाने के लिए परियोजना पर ‘‘पूरी तरह पुनर्विचार’’ करने का आग्रह किया गया है।सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि शहर में प्रदूषण के गंभीर स्तर पर पहुंचने को ध्यान में रखते हुए जरूरी है कि पेड़ों का संरक्षण किया जाए क्योंकि वे प्राकृतिक रूप से हवा को स्वच्छ करते हैं। उन्होंने कहा कि पारिस्थितिकी संतुलन को बनाए रखने के लिए द्वारका के पास क्षतिपूर्ति के लिए वृक्षारोपण किया जाए।