जयपुर। निम्स यूनिवर्सिटी के प्रबन्धन के लेकर चल रहे विवाद में राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश वी.एस. सिराधना की एकलपीठ ने सहायक आयुक्त (प्रथम) देवस्थान विभाग के 4 अगस्त, 2०16 को दिए गए आदेश को वैध माना है, जिससे इण्डियन मेडिकल ट्रस्ट के चेयरमैन डॉ. बी.एस. तोमर को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है।
इण्डियन मेडिकल ट्रस्ट जयपुर से जुड़े इस मामले में हाईकोर्ट ने डॉ. शोभा तोमर और अनुराग तोमर की याचिकाओं को खारिज कर ट्रस्टियों की अधिकारिता को तय कर दिया। अदालत ने ट्रस्ट के चेयरमैन डॉ. बलवीर सिंह तोमर की याचिका को स्वीकार करते हुए सहायक आयुक्त देवस्थान के आदेश को वैध बताते हुए दखल से इनकार किया हे। हाईकोर्ट ने डॉ. तोमर को सहायक देवस्थान आयुक्त के आदेश की रेस्पोडेंट्स की ओर से अवहेलना करने पर उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही करने की छूट भी दी है। ज्ञातव्य है कि सहायक देवस्थान आयुक्त ने 4 अगस्त, 2०16 को विपक्षीगण डॉ. शोभा तोमर और डॉ. अनुराग तोमर को डॉ. बी.एस. तोमर की गैर मौजूदगी और मंजूरी के बिना कोई बैठक नहीें करने और सरकार या बैंेक के साथ पत्र व्यवहार नहीं करने को पाबन्द किया था।
इस आदेश को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में अलग-अलग पांच याचिकाएं दायर की गई। डॉ. बी.एस. तोमर का कहना था कि उन्हें ट्रस्ट से बेदखल करने के लिए और ट्रस्ट पर एकाधिकार जमाने के लिए 2०12 में लिखित में त्यागपत्र दे चुके ट्रस्ट के उप सभापति जयन्ती लाल पटेल का वर्ष 2०15 में पुन: त्यागपत्र दर्शाकर मिथ्या रूप से अवैध मीटिंग 2 फरवरी, 2०15 को आयोजित होना दर्शायी गई। उक्त फर्जी व अवैध मीटिंग में डॉ. शोभा तोमर को सैटलर ट्रस्टी व उपाध्यक्ष नामित कर लिया। साथ ही 2०12 में इस्तीफा दे चुकी ट्रस्टी उर्मिला बेन पटेल को भी मीटिंग में शामिल बता कर डॉ. स्वाति को भी नया ट्रस्टी बना दिया। उक्त मीटिंग को देवस्थान विभाग में दर्ज करवा दिया। डॉ. तोमर की ओर से इस संबंध में चंदवाजी थाने में 454/2०16 मुकदमा दर्ज करवाया गया। जिसकी जांच सीआईडी (सीबी) में लम्बित है।