NMCG asked DDA to accelerate its Yamuna river front (River Front) development project 'Asita'

delhi.केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी नई दिल्‍ली में आज नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत यमुना संरक्षण की 11 परियोजनाओं का शिलान्‍यास करेंगे। इस अवसर पर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल भी मौजूद रहेंगे।

नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत राष्‍ट्रीय स्‍वच्‍छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) द्वारा दिल्‍ली में यमुना नदी के संरक्षण के लिए कुल 11 परियोजनाओं का दायित्‍व लिया गया है। ज्‍यादातर परियोजनाएं सीवेज की बुनियादी सुविधाओं से संबंधित हैं और कार्यान्‍वयन के विविध चरणों में हैं। ये परियोजनाएं यमुना कार्य योजना (वाईएपी) III के अंतर्गत हैं और दिल्‍ली के तीन ड्रैनेज जोन्‍स यथा कोंडली, रिठाला और ओखला में स्थित हैं।

दिल्‍ली शहर में इस समय प्रतिदिन 327 करोड़ लीटर सीवेज उत्‍पन्‍न होता है, जबकि उसके पास प्रतिदिन 276 करोड़ लीटर की जल शोधन क्षमता है। दिल्‍ली में वाईएपी-I 1993-2003 संचालित किया गया था और दिल्‍ली के साथ-साथ उत्‍तर प्रदेश तथा हरियाणा को कवर करने के लिए वाईएपी-II का विस्‍तार 2003 में किया गया था। वाईएपी-I और II की सफलता और वाईएपी-I और II से सीखे गये सबक के आधार पर भारत सरकार ने जेआईसीए की सहायता से दिल्‍ली में 1656 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से वाईएपी- III प्रारंभ किया था, जिसे नमामि गंगे मिशन के घटक के तौर पर शामिल किया गया है। दिल्‍ली जल बोर्ड इन परियोजनाओं की कार्यान्‍वयन एजेंसी है।

राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली लगभग 2 करोड़ की आबादी वाला महानगर है। यह शहर 1484 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। बढ़ती आबादी और राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विस्‍तार के कारण यमुना नदी में सीधे गिरने वाले अशोधित सीवेज की मात्रा में भी वृद्धि हुई है। यमुना भारत की पवित्र नदियों में से एक है और हमारी राष्‍ट्रीय नदी गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी है। यमुना की कुल लंबाई प्रयागराज में गंगा के साथ संगम वाले स्‍थान तक 1370 किलोमीटर है और इसके तटबंध 3.67 लाख वर्ग किलोमीटर तक फैले है।

दिल्‍ली में वाईएपी-III के अंतर्गत कुल आठ सीवेज अवसंरचना परियोजनाओं में ओखला में प्रतिदिन 56.4 करोड़ लीटर की एसटीपी क्षमता का सृजन, प्रतिदिन 38.6 करोड़ लीटर एसटीपी क्षमता की बहाली और सुधार, कोंडली और रिठाला जोन में 35 किलोमीटर लंबाई वाले ट्रंक सीवर और राइजिंग मेन की बहाली शामिल है। सीवेज परियोजनाएं कोंडली के लिए चार पैकेज (के1, के2, के3, के4), और रिठाला के लिए तीन पैकेज (आरआईए, आरआईबी, आर2) तथा ओखला जोन (ओ) में चलाई जा रही है। इनमें से 7 परियोजनाएं कार्यान्‍वयन के विभिन्‍न चरणों में है। ओखला जोन की एक परियोजना निविदा की प्रक्रिया के स्‍तर पर है।
इनके अलावा 580 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली दो परियोजनाओं-प्रतिदिन 31.8 करोड़ लीटर क्षमता वाला अशोधित जल उपचारित संयंत्र 515.07 करोड़ रुपये की लागत पर तथा छतरपुर में 65.24 करोड़ रुपये की लागत पर 9 विकेन्‍द्रीकृत एसटीपी (प्रतिदिन 2.25 करोड़ लीटर) को मंजूरी दी गई है।

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