जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने युवती से दुष्कर्म करने के आरोप में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे कौशलेन्द्र प्रपन्नाचार्य उर्फ फलाहारी बाबा को जमानत देने से इंकार कर दिया है। न्यायाधीश पंकज भंडारी की एकलपीठ ने यह आदेश आरोपी बाबा की ओर से दूसरी बार दायर जमानत अर्जी को खारिज करते हुए दिए। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि आरोपी पर दुष्कर्म का गंभीर आरोप है। ऐसे में उसे जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता।
जमानत अर्जी में कहा गया कि प्रकरण में पुलिस की ओर से आरोप पत्र पेश किया जा चुका है। इसके अलावा निचली अदालत में पीडिता के बयान भी दर्ज किए जा चुके हैं। ऐसे में उसे जमानत का लाभ दिया जाए। जिसका विरोध करते हुए पीडिता की ओर से अधिवक्ता माधव मित्र शर्मा ने कहा कि पीडिता और उसका परिवार आरोपी की भगवान के समान पूजा करता था। आरोपी ने युवती के विश्वास को चोट पहुंचाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। यदि उसे जमानत दी गई तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने जमानत अर्जी को खाजिर कर दिया है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के बिलासपुर निवासी युवती ने 7 अगस्त 2017 को अलवर के अरावली थाने में आरोपी बाबा के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस ने 23 सितंबर को बाबा को गिरफ्तार किया था।