delhi.सरकार ने इंद्र साहनी और अन्य बनाम भारतीय संघ और अन्य [(सिविल) संख्या 930/1990] मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार क्रीमीलेयर की अवधारणा को लागू किया है। फिलहाल सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में क्रीमीलेयर हटाने का कोई प्रस्ताव नहीं है. सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग के उप-वर्गीकरण की जांच के लिए संविधान के अनुच्छेद 340 के तहत 2 अक्टूबर, 2017 को एक आयोग का गठन किया है। आयोग ने 11.10.2017 से काम करना शुरू कर दिया है। पैनल का गठन करने में कोई देरी नहीं हुई है।
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना समेत कुछ राज्यों ने अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण कोटा में उप-वर्गीकरण शुरू किया है। केंद्रीय सूची में अन्य पिछड़ा वर्गों के उप-वर्गीकरण के मुद्दे की जांच के लिए आयोग द्वारा इन राज्यों द्वारा अपनाये गये उप-वर्गीकरण का अध्ययन किया जा रहा है। यह जानकारी आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री श्कृष्णपाल गुर्जर ने दी।