जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कोविड-19 महामारी से लोगों की जीवन रक्षा के लिए राज्य सरकार संसाधनों की कोई कमी नहीं आने देगी। चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार और उन्हें मजबूत बनाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार के लगातार प्रयासों और सतर्कता से प्रदेश में पिछले कुछ महीनों में कोविड की जांच एवं उपचार के लिए राजधानी से लेकर जिलों तक चिकित्सा सुविधाओं का मजबूत नेटवर्क स्थापित किया गया है।,
गहलोत ने कहा है कि वर्तमान में प्रदेश में कहीं भी संसाधनों की कोई कमी नहीं है। हमारे पास 3018 ऑक्सीजन बैड हैं, जिनमें से 872 ही उपयोग में आ रहे हैं। इसी प्रकार 913 आईसीयू बैड में से 406 और 490 वेंटीलेटर में से 113 पर ही रोगी हैं। भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए जयपुर के आरयूएचएस, जयपुरिया हॉस्पिटल तथा रेलवे हॉस्पीटल में  50-50 नए ऑक्सीजन बैड की संख्या बढ़ाई गई है। संभागीय मुख्यालयों के अस्पतालों के साथ ही जिला अस्पतालों में भी ऑक्सीजन बैड्स की संख्या बढ़ाई जा रही है। हम कहीं भी ऑक्सीजन बैड्स की कमी नहीं आने देंगे। प्रदेश में कोविड-19 के के लिए 130 डेडिकेटेड अस्पताल चिन्हित हैं। इसके अलावा 292 कोविड केयर सेंटर स्थापित किए गए हैं।
गहलोत ने कहा है कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं। हमने यह व्यवस्था भी की है कि यदि सरकारी अस्पताल में बैड पूरी तरह भर जाएं तब आवश्यकता होने पर निजी चिकित्सालयों में भी कोविड रोगियों को निशुल्क उपचार की सुविधा मिल सकेगी। जिला कलक्टरों को इस संबंध में आदेश दे दिए गए हैं। साथ ही साधन सम्पन्न वे लोग जो स्वयं के खर्चे पर निजी अस्पतालों में उपचार कराना चाहें, उन्हें भी उचित दरों पर इलाज सुलभ कराने के लिए निजी अस्पतालों एवं लैब में कोविड उपचार एवं जांच की दरें निर्धारित कर दी हैं, ताकि किसी से अधिक राशि नहीं ली जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों के लिए यह व्यवस्था भी की है कि जिन रोगियों (एसिम्प्टोमैटिक) की स्थिति गंभीर नहीं है, उन्हें वे निर्धारित दरों पर नजदीकी होटल में भी रख सकते हैं, ताकि अस्पताल में गंभीर रोगियों के लिए ऑक्सीजन एवं आईसीयू बैड की कमी नहीं रहे। इसके लिए उनको जिला कलक्टर की अनुमति लेनी होगी।
गहलोत ने कहा कि देशभर में पॉजिटिव केसेज की संख्या बढ रही है। प्रदेश में भी पॉजिटिव केसेज बढे़ हैं, लेकिन समन्वित प्रयासों से हम मृत्यु दर न्यूनतम रखने में कामयाब रहे हैं। पिछले दो माह में तो राज्य में मृत्यु दर एक प्रतिशत से भी कम रही है। वर्तमान में राजस्थान में कोरोना से औसत मृत्यु दर 1.26 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय औसत 1.72 प्रतिशत, गुजरात में 3 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 2.15, दिल्ली में 2.41, उत्तर प्रदेश में 1.48 प्रतिशत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना को लेकर हमारे कुशल प्रबंधन के कारण प्रदेश में रिकवरी दर लगातार बेहतर हुई है। वर्तमान में यह 81.33 प्रतिशत है। इस मामले में राजस्थान राष्ट्रीय औसत 77.22 प्रतिशत के साथ ही अन्य बड़े राज्यों कर्नाटक, गुजरात, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र आदि के मुकाबले काफी बेहतर स्थिति में हैं। प्रदेश में एक्टिव केसेज की संख्या 15,577 है, जबकि राजस्थान से कम जनसंख्या वाले आंध्र प्रदेश एवं कर्नाटक में 6 गुना से भी अधिक यानी करीब एक-एक लाख एक्टिव केसेज हैं। तमिलनाडु में तीन गुना से अधिक 51 हजार 580 एक्टिव केसेज हैं। उत्तरप्रदेश में 59 हजार 963 एक्टिव केस हैं।

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