केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने दिल्ली और राज्यों की राजधानियों के लिए भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा तैयार जल गुणवत्ता रिपोर्ट जारी की, रिपोर्ट का उद्देश्य किसी को हतोत्साहित करना नहीं बल्कि राज्य सरकारों को नलों के जरिए लोगों तक जलआपूर्ति सुनिश्वित करने के लिए प्रोत्साहित करना है
jaipur. केन्द्रीय खाद्य एंव उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने आज दिल्ली और राज्यों की राजधानियों में उपलब्ध जल की गुणवत्ता पर रिपोर्ट जारी की। यह रिपोर्ट हर घर में 2024 तक नलों के जरिए लोगों को पीने का साफ पानी उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जल जीवन अभियान के अनुरूप जारी की गई है। खाद्य एंव उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने इसके लिए भारतीय मानक ब्यूरो के माध्म से दिल्ली तथा राज्यों की राजधानियों में नल के जरिए आपूर्ति किए जाने वाले पीने के पानी की गुणवत्ता जांच करायी और जांच के नतीजों के आधार पर राज्यों,स्मार्ट शहरों और जिलों को रैकिंग दी गई।
पहले चरण में, दिल्ली के विभिन्न स्थानों से पीने के पानी के नमूने लिए गए थे और दूसरे चरण में 20 राज्यों की राजधानियों से नमूने इकठ्ठा किए गए थे। इन नमूनों को भारतीय मानक 10500: 2012 (बीसीआई द्वारा निर्धारित पेयजल के लिए विशिष्टता) के अनुसार परीक्षण के लिए भेजा गया। जाचं के पहले चरण में इन नमूनों का विभिन्न मापदंडों जैसे कि ऑर्गनोलेप्टिक और फिजिकल टेस्ट, रासायनिक परीक्षण, विषाक्त पदार्थ और बैक्टीरिया आदि की मौजूदगी के हिसाब से परीक्षण किया गया। मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित एक या अधिक मापदंडों को पूरा करने के मामले में बहुत सारे नमूने विफल रहे है।
इनमें से दिल्ली कि विभिन्न स्थानों से एकत्र किए गए पानी के ग्यारह नमूने कई निर्धारित मानदंडों में से खरे नहीं उतर पाए। हालांकि मुबंई से एकत्र किए गए 10 नमूने सभी मानदंडों पर खरे पाए गए। हैदराबाद, वनेश्वर,रांची,रायपुर,अमरावती और शिमला के पानी के एक या उससे अधिक नमूने मानदंडों पर सही नहीं पाए गए। तेहर राज्यों की राजधानियों जैसे चंडीगढ़, तिरुवनंतपुरम, पटना,भोपाल, गुवाहाटी, बेंगलूरु, गांधीनगर,लखनऊ, जम्मू, जयपुर, देहरादून,चेन्नई और कोलकाता से लिए गए पानी के नमूनों में से कोई भी निर्धारित मानकों पर सही नहीं पाए गए।
पासवान ने रिपोर्ट जारी करने के अवसर पर पत्रकारों से कहा कि रिपोर्ट जारी करने का उद्देश्य यह है कि सभी को पीने का साफ पानी मिल सके। रिपोर्ट का उद्देश्य किसी को हतोत्साहित करना नहीं बल्कि राज्य सरकारों को नलों के जरिए लोगों तक स्वच्छ जलआपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित करना है। पासवान ने यह भी कहा कि तीसरे चरण के तहत पूर्वोत्तर राज्यों की राजधानियों तथा आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा घोषित स्मार्ट शहरों से पानी के नमूने इकठ्ठे किए गए हैं।इनकी जांच की जा रही है। परिणाम 15 जनवरी 2020 तक आ जाने की उम्मीद है। तीसरे चरण में देश के सभी जिला मुख्यालयों से पानी के नमूने लिए जाएंगे। इनकी जांच का काम 15 अगस्त 2020 तक पूरा करने की योजना है। श्री पासवान ने कहा कि सरकार चाहती है कि नलों से आपूति किए जाने वाले सभी तरह के पानी के लिए भारतीय मानक ब्यूरो के मानदंड निर्धारित किए जाएं ताकि सभी कि लिए गुणवत्ता युक्त पीने का पानी सुनिश्चित किया जा सके।