सियोल। उत्तरी कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। यही वजह है कि एक बार फिर उत्तरी कोरिया ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड टं्रप के सत्ता संभालने के बाद महाशक्तियों को ठेंगा दिखाते हुए मध्यम दूरी की चार बैलेस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया। एक हजार किमी. का सफर तयकर ये मिसाइलें जापान सागर में गिरी। इस मामले में दक्षिणी कोरिया सेना ने स्पष्ट किया यह मिसाइलें अन्र्तमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइलें (आईसीबीएम) थीं। जिसकी जद में अमेरिका तक आ गया है। इस परीक्षण के बाद उत्तरी कोरिया ने अमेरिका को भी चुनौती दे डाली है। इधर जापान के पीएम शिंजो अबे ने इस मामले में उत्तरी कोरिया से कड़ा विरोध जताया। वहीं दक्षिण कोरिया ने इसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चुनौती बताया है। अमेरिका ने पांच हजार किमी. की मारक क्षमता वाली इस मिसाइल के आईसीबीएम होने पर शक जताया और कहा कि अमेरिका को कोई खतरा नहीं है। सूत्रों के अनुसार अब अमेरिका विकल्पों पर विचार कर रहे हैं, जो अब ज्यादा नहीं बचे हैं। गत वर्ष ही उत्तर कोरिया ने हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया था। उधर चीन ने दोनों पक्षों को संयम बरतने की सलाह देते हुए कहा कि दोनों पक्षों को ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़े।
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