नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नोटबंदी की घोषणा के बाद यदि आप किसी कारण वश 1000 और 500 के नोट जमा कराने से चूक गए हैं तो चिंता की जरुरत नहीं। यह संभावना व्यक्त की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट जुलाई माह में यह तय करेगा कि नोटबंदी की घोषणा के वादे के मुताबिक हजार और पांच सौ के पुराने नोट जमा कराने से वंचित रहे लोगों के मामले में सरकार को उन्हें एक मौका ओर दिए जाने की बात कही जाए या नहीं। वैसे बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत वर्ष 8 नवंबर को अपने भाषण के दौरान चलन से बाहर किए गए एक हजार व पांच सौ के नोटों को 30 दिसंबर के बाद भी जमा कराने का मौका दिए जाने की बात कही थी। 30 दिसंबर से पहले नोट जमा नहीं कराने के मामले में दर्जनभर से अधिक याचिकाएं कोर्ट के समक्ष आई। एक याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा कि वह अपनी 66.80 लाख रुपए की रकम बैंक में केवाईसी नहीं होने से जमा नहीं करा सका। मंगलवार को याचिका पर सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने इस मामले में केन्द्र का पक्ष रखा और कहा कि नोटबंदी को लेकर जो अध्यादेश लाया गया उसमें नोट जमा कराने के मामले में मियाद बढ़ाने की बाध्यता नहीं है। चलन से जो नोट बाहर उसे अध्यादेश में अपराध माना गया। अब दूसरा मौका नहीं दिया जाएगा। हालांकि चीफ जस्टिस जेएस खेहर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एसके कौल ने व्यक्तिगत मामलों में रुचि लेने से इंकार कर दिया। फिर भी यह कहा कि इस मामले में फैसला लिया जाएगा कि क्या एक ओर मौका मिले या नहीं। यदि मिलता है तो सभी को फायदा होगा। वहीं अटॉर्नी जनरल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामल में फैसला देता है तो फिर भी तय तो सरकार को ही करना है कि तय अवधि तक नोट जमा नहीं कराने का कारण कितना उचित है या अनुचित।
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Hi
pm sir
Mahebub pathan from Maharashtra yavatmal pin no.445206
pass Rs.20000 hajar rupey he or o galat nahi he to apki mehrbani hogi ki hame. khuch maadat kar