-मोतीडूंगरी गणेश मंदिर परिसर से जुडा मामला
जयपुर। मोतीडूंगरी गणेश मंदिर से जुडे मामले में हाईकोर्ट के आदेश देने के बाद भी नगर निगम अफसरों की ओर से रिकॉर्ड पेश नहीं करने पर राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश एम.एन. भंडारी और न्यायाधीश जी.आर. मूलचंदानी की खंडपीठ ने नाराजगी जताते हुए दोषी अफसरों को अवमानना के नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों नहीं उन्हें दंडित किया जाए। मामले में अगली सुनवाई 8 अगस्त को होगी।
बुधवार को प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में निगम आयुक्त रवि जैन, मोतीडूंगरी जोन उपायुक्त अशोक योगी और विधि निदेशक अशोक सिंह सहित अन्य अफसर पेश हुए। हाईकोर्ट ने कहा कि एक तरफ तो विस्थापितों के पुनर्वास के लिए भूमि उपलब्ध नहीं होना बताया जा रहा है, जबकि अन्य को भूमि आवंटन की कार्रवाई हो रही है। यह आवंटन किस कानून के तहत किया जा रहा है। निगम का कहना था कि 3०० वर्गगज से अधिक भूमि होने के कारण मामले को सरकार को भिजवाया गया है।
सरकार के परिपत्र के अनुसार 5० साल से कब्जा रखने वाले को आवंटन किया जा सकता है। हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जनता के धन की कीमत पर चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए परिपत्र निकाले जाते हैं। जब कानून अस्तित्व में है, तो ऐसे परिपत्र प्रभावी नहीं हो सकते।