जयपुर। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के कार्यों को योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जा रहा है, इससे ग्रामीण परिवारों को ‘हर घर जल’ कनेक्शन देने में लगातार गति आ रही है। अब प्रदेश के गांव-ढाणियों में ‘हर घर जल’ कनेक्शन के माध्यम से पेयजल आपूर्ति वाले परिवारों की संख्या 24 लाख के पार पहुंच गई है। इसमें जेजेएम की शुरुआत से पहले राज्य में विद्यमान एवं इसके लागू होने के बाद के ‘हर घर जल’ कनेक्शन की संख्या शामिल है।
जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा और मार्गदर्शन में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) द्वारा वर्ष 2024 तक प्रदेश के सभी ग्रामीण परिवारों को ‘हर घर जल’ कनेक्शन से जोड़ने के लिए बड़े पैमाने पर सतत प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने राज्य के वर्ष 2022-23 के बजट में जल जीवन मिशन के तहत आगामी वर्ष में 13 हजार 921 करोड़ रुपये की लागत से 24 नई पेयजल परियोजनाओं का कार्य आरम्भ करने और 36 वृहद पेयजल परियोजनाओं के लिए 10 हजार करोड़ रुपये जैसी बड़ी घोषणाएं की है, जो राज्य सरकार की जेजेएम के लिए प्रतिबद्धता को रेखांकित करने वाली है।
दो गुना से अधिक हुए ‘हर घर जल’ कनेक्शन
डॉ. जोशी ने बताया कि प्रदेश में बुधवार सुबह तक की प्रगति रिपोर्ट के अनुसार ‘हर घर जल’ कनेक्शन वाले परिवारों की संख्या 24 लाख 3 हजार 628 हो गई है। अगस्त 2019 में जेजेएम की घोषणा से पहले प्रदेश के एक करोड़ 5 लाख 68 हजार 805 ग्रामीण परिवारों में से 11 लाख 74 हजार 131 ग्रामीण परिवारों के पास ‘हर घर जल’ कनेक्शन थे, इसके बाद अब तक पीएचईडी ने 12 लाख 29 हजार 497 परिवारों का कवरेज और पूरा कर लिया है। इस प्रकार वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान गत 2 वर्ष 7 माह की अवधि में ‘हर घर जल’ कनेक्शन वाले परिवारों की संख्या पहले की तुलना में दो गुना से भी अधिक हो गई है।
97 प्रतिशत स्वीकृतियों का कार्य पूरा
जलदाय मंत्री ने बताया कि प्रदेश में जेजेएम में वर्ष 2024 तक 93.95 लाख ग्रामीण परिवारों ‘हर घर जल’ कनेक्शन देने का लक्ष्य है, इसमें से अब 91.24 लाख परिवारों को ‘हर घर जल’ कनेक्शन की स्वीकृतियां जारी कर 97 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है। इसमें से 38 लाख 33 हजार कनेक्शन के लिए कार्यादेश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि जेजेएम पर अब तक 5081 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके है। इसके साथ ही अब तक प्रदेश में सौर ऊर्जा संचालित लगभग 750 योजनाऐं भी स्वीकृत की गई है, जिससे संचालन एवं संधारण की लागत में 6.5 करोड़ रुपये की वार्षिक बचत होगी।
टांका निर्माण के लिए 356.85 करोड़ रुपये मंजूर
डॉ. जोशी ने बताया कि जेजेएम में प्रदेश के मरूस्थलीय इलाकों सहित कुछ ऐसे क्षेत्र जहां ‘हर घर जल’ कनेक्शन के माध्यम से पेयजल आपूर्ति संभव नहीं हो पा रही है, उनको भी लाभांवित करने के लिए विभाग ने नवाचार करते हुए सौर ऊर्जा आधारित सामुदायिक एवं व्यक्तिगत टांका निर्माण के कार्य स्वीकृत कराये हैं। इस संबंध में जल ग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण विभाग (वाटरशैड) के माध्यम से 356.85 करोड़ रुपये की लागत से अलवर, बाडमेर, जैसलमेर, जोधपुर एवं पाली के इस श्रेणी के चुनिंदा 259 गांवो में वर्षा जल संरक्षण एवं स्टोरेज के लिए 30 हजार लीटर क्षमता के करीब 20 हजार टांकों का निर्माण किया जाएगा। इससे इन 5 जिलों में एक लाख 31 हजार 254 की आबादी लाभान्वित होगी।
लक्ष्यों पर फोकस के निर्देश
जलदाय मंत्री ने बताया कि विभाग द्वारा नई रणनीति के तहत त्रैमासिक आधार पर लक्ष्य बनाकर कार्यों को आगे बढ़ाया जा रहा है, इससे प्रतिदिन कनेक्शनों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। अब अधिकारियों को स्वीकृत कनेक्शनों के लिए बची हुई तकनीकी औपचारिकताओं को शीघ्रता से पूरा कर ‘हर घर जल’ कनेक्शन के लक्ष्यों पर पूरी तरह फोकस करने के निर्देश दिए गए हैं। आने वाले दिनों में जेजेएम की प्रगति में और तेजी आएगी।

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